भक्ति के कारण भगवान को भक्तों के पास आना पड़ता है – गणेश दत्त शास्त्री
सीता एवं राम जी का शास्वत विवाह है
डीग 17 दिसम्बर – शहर के ऐतिहासिक लक्ष्मण मंदिर डीग में मंदिर मंहत पंडित मुरारी लाल पाराशर के सानिध्य में आयोजित सात दिवसीय श्री सीताराम विवाह महोत्सव का रविवार को भक्ति मय वातावरण एवं विधिवत ठाकुर जी के विवाह के साथ संपन्न हुआ।
इस दौरान सर्वप्रथम मंदिर परिसर को रंग बिरंगी लाइट एवं रोशनी से सजाया गया। ठाकुर जी को विशेष पोशाक पहनाते हुए फूलों से ठाकुर जी का श्रृंगार किया गया।और रामलाल की बारात ढोल नगाड़ों एवं गाजे बाजे के साथ निकाली गई।जिसमें भक्त नाचते गाते हुए बारात के साथ मंदिर परिसर में पहुंचे।
इस दौरान बारात का जगह-जगह पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया।तथा राम एवं सीता जी का विवाह कराया गया।
कथावाचक पंडित गणेश दत्त शास्त्री ने सीताराम विवाह पर प्रकाश डालते हैं बताया कि सीता जी की पचरंगी चुनर एवं राम जी का पीतांबर से गठबंधन गठ जोड़ा हुआ। भगवान भक्ति से बंध गये।और भक्ति भगवान को बांधती है। भक्ति के कारण भगवान को भक्तों के पास आना पड़ता है ।जबकि ज्ञान में ज्ञानी को भगवान के पास जाना पड़ता है ।”भक्ति स्वतंत्र सकल गुण खानी, बिन सत्संग ना पावही प्राणी” भक्ति स्वतंत्र है ।सारे गुणों का भंडार है। परंतु भक्ति सत्संग के द्वारा, संतों के द्वारा ही प्राप्त हो सकती है। इसलिए व्यक्ति को जीवन में सत्संग अवश्य करना चाहिए। सत्संग से ही व्यक्ति का कल्याण होता है। इस अवसर पर वैध नंदकिशोर गांधी,बीना शर्मा,सुंदर सरपंच,गीता तमोलिया,राधेश्याम गर्ग,हरएष बंसल,गोपाल बीडी वाले,दिनेष सराफ,पहलाद मित्तल,सुभाष सराफ, पूर्व पार्षद महेंद्र शर्मा, मोहन स्वरुप पाराशर,पिन्टल गुरु, अमर कुमार सैन राजेन्द्र फौजदार ,हरिओम पाराशर,बच्चू मास्टर,रमेश अरोड़ा ,भगवान शर्मा,सुनील डंडिया,राजू हीरो होंडा वाले,पिन्टा पंडित,सहित बड़ी संख्या में महिला पुरुष भक्त उपस्थित थे।