बरेली से मेहन्दीपुर बालाजी दर्शन करने जा रहे थे ये लोग
जयपुर नेशनल हाइवे पर आवारा जानवर बने जान के दुश्मन
जयपुर एनएच-21 फोरलेन सडक हत्यारी सावित
भरतपुर|जयपुर नेशनल हाइवे पर भरतपुर जिले की सीमा में ऊंचा का नगला से कमालपुरा वार्डर तक फोरलेन सडक हत्यारी सडक सावित हो रही है। हादसे का सिलसिला जारी रहने तथा आए दिन सडक हादसा होने वाहन चालक व यात्री सहित सडक किनारे बसे गांव के लोग दुःखी है। शुक्रवार की सायं उत्तरप्रदेश प्रान्त के बरेली जिले निवासी आधा दर्जन लोग एक बोलेरो गाडी में सवार होकर दौसा जिले के आस्था से भरपूर श्री मेहन्दीपुर बालाजी दर्शन करने जा रहे थे। हलैना थाना क्षेत्र के गांव मोलोनी के पास फोरलेन पर घूम रहे आवारा जानवर के बचाव में बोलेरो गाडी का सन्तुलन बिगड गया और गाडी डिवाइडर से टकरा कर पलट गई। गाडी में सवार एक पुरूष सहित चार महिलाए घायल हो गई। जिसमें से भरतपुर के आरबीएम अस्पताल में उपचार के दौरान पुरूष ने दम तोड दिया। थाना प्रभारी बृजेन्द्र शर्मा ने बताया कि जयपुर नेशनल हाइवे के गांव मोलोनी के पास सडक हादसा की सूचना मिली। सूचना पर मय जाप्ता के घटना स्थल पहुंचे और हादसा में एक पुरूष सहित चार महिलाएं घायल हो गए। जिन्हे हलैना एम्बूलेंस-108 एवं हाइवे एम्बूलेंस सहित ग्रामीणों की मदद हादसा में घायल हुए लोगों को कस्वा हलैना के सामुदायिक अस्पताल पहुंचाया गया। सामुदायिक अस्पताल के चिकित्सकों ने सभी घायलों की हालत चिन्ताजनक होने पर भरतपुर स्थित आरबीएम अस्पताल को रैफर कर दिया। जहां उपचार के दौरान उत्तरप्रदेश प्रान्त के बरेली जिले निवासी 45 वर्षीय ओमकार मोर्य पुत्र लीलाधर ने दम तोड दिया। जबकि इसी जिले के निवासी घायल पूनमदेवी पत्नी पवन कुमार,रामसनेईदेवी पत्नी चोखेलाल,जयन्तीदेवी पत्नी ज्ञानप्रकाश का उपचार जारी है। पुलिस ने हादसे में क्षतिग्रस्त हुई बोलेरो गाडी को जप्त कर लिया गया है और मृतक ओमकार मोर्य का आरबीएम अस्पताल में पोस्टमार्टम करा शव परिजनों को सौंप दिया गया।
– ट्रोमा अस्पताल पर लटका ताला
जयपुर नेशनल हाइवे सहित अन्य मार्ग पर सडक हादसे में घायल तथा अन्य रोगियों की मदद को साल 2021 में तत्कालीन क्षेत्रिय विधायक व पीडब्ल्यूडी केबिनेट मंत्री भजनलाल जाटव के प्रयास से कस्वा हलैना में ट्रोमा अस्पताल स्वीकृत हुआ और करोड रूपए की लागत से भवन बना। जिसका उद्घाटन भी हो गया और चिकित्सक पदों को छोड कर अन्य दस चिकित्सीय कर्मचारी लगाए गए। लेकिन चिकित्सीय मशीन व फर्नीचर आदि सामान नही आया। उद्घाटन के बाद से ट्रोमा अस्पताल के मुख्य दरवाजा पर ताला लटका हुआ है और ये ट्रोमा अस्पताल अनुपयोगी सावित हो रहा है।