नदबई के श्री कदमखंडी धाम में आज से भागवत कथा का होगा आयोजन
नदबई। नदबई के ऐचेरा ग्राम स्थित पावन स्थान श्री कदमखंडी धाम में आज रविवार से सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद भागवत कथा का शुभारंभ होने जा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक देवी चित्रलेखा द्वारा कदमखंडी धाम में कथा का वाचन किया जाएगा। इस कथा कार्यक्रम के आयोजक नदबई विधानसभा के युवा भाजपा नेता और समाजसेवी दौलत सिंह फौजदार है। दौलत सिंह ने बताया कि 11 जून से 17 जून तक भागवत कथा का आयोजन होगा तथा 18 जून को समस्त श्रद्धालुओं और नदबई विधानसभा क्षेत्र की जनता के लिए सामूहिक महाप्रसाद का आयोजन किया जाएगा। गौरतलब है कि दौलत सिंह फौजदार ने क्षेत्र के 60 हजार से अधिक घरों में पीले चावल व निमंत्रण पत्र व्यक्तिगत रूप से देकर नदबई की जनता को भागवत कथा के लिए आमंत्रित किया है, उन्होंने महीनेभर तक नदबई एकता यात्रा का आयोजन भी किया है।
दौलत सिंह फौजदार ने बताया कि दोपहर 3 बजे से सांय 6 बजे तक प्रतिदिन कथा वचन होगा। प्रथम दिन रविवार को कथा के शुभारंभ से पूर्व क्षेत्र की हजारों महिलाओं द्वारा धार्मिक गीत-संगीत के साथ कलश यात्रा निकाली जाएगी। कलश यात्रा की शुरुआत श्री कदमखंडी धाम से होगी, तथा धाम के परिक्रमा मार्ग को पूरा करते हुए सम्पन्न होगी। यात्रा के समापन पर श्री हनुमान मंदिर परिसर में ध्वज चढ़ाया जाएगा।
कलश यात्रा की महिमा के लिए कहा जाता है कि तीनों देव ब्रम्हा, विष्णु व महेश के साथ-साथ 33 कोटि देवी – देवता स्वयं कलश में विराजमान होते हैं। कलश को धारण करने वाले जहां से भी ग्राम का भ्रमण करता है, वहाँ की धरा स्वयं सिद्ध होती जाती है। जो महिला अपने सिर पर कलश धारण करती है, उसकी आत्मा को ईश्वर पवित्र और निर्मल करते हैं। कलश साक्षात सुख-समृद्धि का प्रतीक है। जो लोग कलश यात्रा के सहभागी होते हैं, सुख-संपन्नता चिरकाल तक उनके साथ बनी रहती है।
आपको बता दें कि ऐचेरा गाँव में स्थित श्री कदमखंडी धाम का इतिहास महाभारत काल से भी पुराना है। इस स्थान पर असंख्य कदंब के वृक्ष होने के कारण इसे कदमखंडी धाम कहा जाता है। कदंब के इन वृक्षों के बारे में कहा जाता है कि ये वृक्ष त्रेता और द्वापर युग के हैं। पौराणिक मान्यता है कि यहाँ कदंब के पेड़ों की डालियों पर भगवान श्री कृष्ण झूला झूलते थे। दौलत सिंह फौजदार इस धाम को इसका वैभव लौटाने में लगे हैं, वे यहाँ पुनरुद्धार करवाने का संकल्प ले चुके हैं। इस स्थान पर इतने भव्य धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन होने से निश्चित रूप से इस स्थान की महिमा का प्रचार-प्रसार होगा।
P. D. Sharma