नो दिवसीय भागवत कथा समापन पर दिये विचार
नैनीताल| सरोवर नगरी नैनीताल की ऊंची पहाड़ी शेर का डांडा स्थित रामलीला प्रांगण में नव साँस्कृतिक सत्संग समिति द्वारा आयोजित देवी भागवत का नो दिवसीय भागवत कथा वाचक श्री नमन कृष्ण महाराज व उनकी टीम द्वारा हवन, यज्ञ, व संक्षेप कथा भंडारे के साथ समापन हो गया है।
व्यास के रूप में सतगुरु धर्म मार्तण्ड भागवत किंकर श्री नमन कृष्ण जी महाराज ने एक भेंट में बताया।
भागवत का शाब्दिक अर्थ समझाते हुए बताया कि भागवत चार अक्षरों से बना है।
भक्ति ज्ञान वैराग्य एवं त्याग के समन्वय का नाम ही भागवत है।
उन्होंने कहा अपने बचाव के लिए अपने को जागरूक करना होगा।
अभी तक नमन महाराज दो विदेशों में वह तीन सौ से ऊपर भारत के विभिन्न राज्यों में कथा का वाचन कर चुके हैं।
उन्होंने जो उपद्रवियों द्वारा नर संहार किया जा रहा है उसके लिए उन्होंने कहा सनातन धर्म को एक जुट होकर इन लोगों को तगड़ा जवाब देना चाहिए।
देवी भागवत मानव जाति में स्त्रैण गुणों के विकास की प्रेरणा प्रदान कर्ता है। स्त्रैण गुण अर्थात संसार में जितने श्रेष्ठ गुण हैं वो मातृ शक्ति के नेतृत्व में ही विकसित होते हैं।
संसार में जब त्रिलोकी शक्तियों का सम्मिलित स्वरूप से ही देवी स्वरूप का प्रादुर्भाव हुआ।
भक्ति के स्वरूप को अपने दैनिक जीवन में उतारने, अपने भोजन से अपने इष्ट को भोग लगाते हुए अन्न को प्रसाद के रूप में ग्रहण करने से एवं सात्विक जीवन जीने से हम अवांछित व्याधियों एवं रोगों से भी मुक्त रहते हुए शांति पूर्ण जीवन जी सकते हैं।
समिति अध्यक्ष खुशाल सिंह रावत ने सभी श्रद्धालुओं का समिति की ओर से आभार व्यक्त किया।