राम से मिले भरत, खड़ाऊं मस्तक पर रख दिया भ्रातृ प्रेम का अमर संदेश
सवाई माधोपुर 16 अक्टूबर। शहर के नगर रामलीला मैदान में नगर रामलीला मंडल के तत्वावधान में चल रही रामलीला बड़े ही रोचक दौर में पहुंच चुकी है।
समिति के उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता दिलीप शर्मा ने बताया के सोमवार को लीला भ्रातृ प्रेम के परिपूर्ण रही।सबसे पहले सुमंत के बुलावे पर भरत और शत्रुघ्न अयोध्या पहुंचे और वहां पर अपने पिता की मृत्यु का समाचार सुनकर गमगीन हो गए। जब उन्हें मंथरा और कैकई के षड्यंत्र का पता चला तो भरत ने पहले तो मंथरा का मान मर्दन किया उसके बाद कैकई को खूब खरी खोटी सुनाई। वशिष्ठ के लाख कहने पर भी उन्होंने राजकाज स्वीकार नहीं किया और अपने बड़े भ्राता को मनाने के लिए चित्रकूट पहुंचे। वहां पर राम और भरत का बड़ा ही करुण रस से पूर्ण मिलन हुआ। दोनों के नेत्रों से अश्रु धारा बह निकली जिसे देखकर श्रोताओं की आंखों में भी आंसू आ गए। उन्होंने अपने बड़े भाई को अयोध्या चलने के लिए निवेदन किया और जब राम ने निवेदन स्वीकार नहीं किया तो उनके चरण पादुकाओं को शिरोधार्य करके अयोध्या वापस आए और सिंहासन पर चरण पादुका रखकर स्वयं सेवक बनकर राजकाज प्रारंभ किया। लीला इतनी मनोहरी एवं आकर्षक थी कि दर्शक देर रात तक जमें रहे। इससे पूर्व स्कूल शिक्षा परिवार के संरक्षक ज्ञानेंद्र दत्त शर्मा ने सपरिवार भगवान गणेश, मां शारदे एवम राम, लक्ष्मण, जानकी की आरती करके लीला का मंचन प्रारंभ करवाया।
समिति के अध्यक्ष हरिशंकर शर्मा एवं महामंत्री राजेंद्र शर्मा ने बताया कि कल मंगलवार को खर, दूषण, त्रिशिरा बाद वध की लीला का मंचन होगा जिसमें लक्ष्मण एवं सूर्पनखा की संगीतमय में जुगलबंदी विशेष आकर्षण रहेगी। इससे पूर्व समिति के पदाधिकारियों ने सभी नगर वासियों से अधिक से अधिक संख्या में रामलीला का मंचन देखने एवं पुण्य लाभ लेने की अपील की।