भाविप विवेकानंद के सात दिवसीय बाल संस्कार शिविर का समापन, 118 बालकों ने लिया भाग
भीलवाडा। भारत विकास परिषद ही एक ऐसी संस्था है जो संस्कार, सेवा, सहयोग व पर्यावरण समेत कई गतिविधियों में काम कर रही है। संस्कार गतिविधि के तहत भारत विकास परिषद की विवेकानंद शाखा ने विशेष बच्चों के लिए सात दिवसीय बाल संस्कार शिविर आयोजित किया जो काफी सराहनीय है। यह विचार रविवार को घुमंतू छात्रावास में बाल संस्कार शिविर के समापन पर बतौर विशिष्ट अतिथि श्रीगोपाल राठी ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि निष्ठा पूर्वक किए गए कार्य से अनिवार्य रूप से सफलता मिलती है। बालकों को इस ज्ञान रूपी गंगा में डुबकी लगाने का जो कार्य किया गया है वह काफी अविस्मरणीय है। इस मौके पर जिला माहेश्वरी सभा अध्यक्ष अशोक बाहेती ने कहा कि इस तरह के संस्कार शिविर अगर स्वयं सेवी संगठन भी आयोजित कर तो विशेष रूप से बच्चों में संस्कार का समावेश होगा। वाल्मीकि समाज के अध्यक्ष रामदेव चन्नाल ने कहा कि विशेष लोगों के लिए कार्य करना कोई सहज काम नहीं है। भारत विकास परिषद यह काम कर रही है वह काफी प्रशंसा योग्य है। भैरुलाल गारू, गोविंद चन्नाल, शिव मल्होत्रा आदि ने मनचासों होकर अपने उदबोधन से समापन समारोह की शोभा बढ़ाई। शिविर में 118 बालकों ने भाग लिया। दिन में बालकों ने उद्घोष, गीत बोलना, कथा प्रसंग, योगाभ्यास, हनुमान चालीसा सीखी। सभी को भारत माता का चित्र भेंट किया गया। प्रतिदिन सद साहित्य में वितरण किए गए। शिविर संयोजक गायत्री आचार्य ने प्रार्थना बुलाई। मधुबाला यादव, अजय अग्रवाल, श्याम मल्होत्रा, निश्चल बहेड़िया, डॉक्टर कश्मीर भट्ट, श्याम सुंदर सोनी, दुर्गा लाल जोशी को स्मृति चिन्ह व दुपट्टा पहनाकर सम्मानित किया गया। बालकिशन पारीक ने पूरे विधि विधान से हवन कराया। बच्चों को हवन के बारे में जानकारी दी। हवन का जीवन में महत्व विषय पर प्रकाश डाला। विवेकानंद शाखा के अध्यक्ष गिरीश अग्रवाल ने स्वागत उद्बोधन प्रस्तुत किया एवं सचिव केजी सोनी ने आभार व्यक्त किया। संचालन रजनीकांत आचार्य ने किया। सभी शाखाओं के अनेक कार्यकर्ता बंधु समापन समारोह में मौजूद रहे। संस्कार शिविर में भाग लेने वाले सभी बालकों के अभिभावकगण भी मौजूद रहे। समापन समारोह में बालकों की आंखें भारी हो गईं। ख़ुशी के आसूं छलक उठे।