गंगा दशहरा को 12 दिन शेष, विमल कुंड में नहीं भरवाया गया पानी
कामां- ज्येष्ठ मास में मनाया जाने वाला गंगा दशहरा पर्व इस बार 30 मई को मनाया जाना है गंगा दशहरा के दिन कामां कस्बे सहित ग्रामीण अंचल के हजारों लोग कामां कस्बे के तीर्थराज विमल कुंड पहुंचकर परिक्रमा लगाकर दान पुण्य करते हैं और विमल कुंड में डुबकी लगाकर आचमन लेते हैं लेकिन इस वर्ष गंगा दशहरा के मात्र बारह दिन शेष है लेकिन प्रशासन या नगरपालिका द्वारा श्रद्धालुओं के स्नान के लिए अभी तक विमल कुंड में पानी भरवाने की व्यवस्था नहीं की गई है जिसे साधु संतों का कस्बावासियों में रोष व्याप्त है| उल्लेखनीय है कि ब्रज अंचल में गंगा दशहरा गंगा अवतरण दिवस धूमधाम से मनाया जाता है हजारों श्रद्धालु आस्था के केंद्र तीर्थराज विमलकुण्ड पहुंचकर दण्डवत परिक्रमा कर कुंड में डुबकी लगाते हैं और दान पुण्य करते हैं| लेकिन श्रद्धालुओं की धार्मिक भावना उस समय आहत होती है जब उन्हें तीर्थराज विमलकुण्ड के छिछले जल में स्नान करना पड़ता है हर बार समय रहते साधु संत और कस्बेवासियों द्वारा नगर पालिका व प्रशासन से पानी भरवाने जाने की मांग की जाती है लेकिन प्रशासन समय रहते कुंड में पानी भरवाने की व्यवस्था नहीं कर पाता है जिससे हर बार श्रद्धालुओं को निराशा ही हाथ लगती है पिछले दो वर्षों से गंगा दशहरा के पर्व पर स्नान के लिए प्रशासन या नगरपालिका द्वारा पानी नहीं भरवाया जा सका जिससे श्रद्धालुओं को कुंड के छिछल में स्नान करना पड़ा था भारी संख्या में लोगों के स्नान करने तथा कुंड में पानी कम होने के चलते दो वर्षो से हजारों मछलियों की मौत भी हो चुकी है पिछले दो वर्षों से प्रशासन द्वारा विमलकुण्ड में पानी के प्रयास तब किए जाते हैं जब दशहरा बिल्कुल नजदीक आता है प्रशासन द्वारा पहुचाया जाने वाला तब पहुंचता है तब तक दशहरा पर्व निकल चुका होता है| साधु संतों व कस्बावासियों की मांग की है तीर्थराज विमलकुण्ड मे पानी भरवाने की स्थाई व्यवस्था की जाए चंबल के पानी की लाइन को विमलकुण्ड तक डलवाया जाए और सात दिन में एक बार व चंबल के पानी की सप्लाई दी जाए जिससे वर्षभर विमल कुंड में पानी आवक बनी रहे| और समस्या का स्थाई समाधान हो सके|
P. D. Sharma