Bharatpur : महिला नर्सिंगकर्मियों ने बजाई भैंस के आगे बीन

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17 दिन से दे रहीं थी धरना, पूर्व सीएमएचओ बोले- मंत्री गर्ग ने भी नहीं सुनीं मांगें

भरतपुर में पिछले 1 मई से महिला नर्सिंगकर्मियों का धरना जारी है। बुधवार को महिला नर्सिंगकर्मियों ने सरकार को नींद से जगाने के लिए भैंस के आगे बीन बजाई। इससे पहले महिला नर्सिंगकर्मीओं ने हनुमान चालीसा का पाठ, भजन, हवन भी कर चुकी हैं, लेकिन पिछले 17 दिनों से चल रहे धरने के बाद भी सरकार ने अभी तक महिला नर्सिंगकर्मियों की तीन मांगों पर कोई गौर नहीं किया है। 17 दिन बाद पूर्व सीएमएचओ कप्तान सिंह महिला नर्सिंगकर्मियों के समर्थन में पहुंचे।
महिला नर्सिंगकर्मियों की मांग है कि, उनकी ग्रेड-पे 28 सौ बढ़ाकर 36 सौ की जाए, दूसरी मांग है कि, महिला नर्सिंगकर्मियों का पदनाम बदला जाए, और तीसरी मांग है कि, सरकार ने एएनएम के पद खत्म कर दिए हैं। उन्हें फिर से शुरू किया जाए। जिसको लेकर महिला नर्सिंगकर्मी पिछले 17 दिनों से धरना दे रहीं हैं।

पूर्व मुख्य चिकित्सा अधिकारी कप्तान सिंह ने कहा कि, एएनएम और एलएचवी ने कोरोनाकाल में घर-घर जाकर सर्वे किया। लोगों की सेवाएं की, कोरोना काल में सभी अधिकारी घरों में बंद थे। उस समय सरकार इनकी बहुत बढ़ाई कर रही थी। इतनी धूप में सभी महिलाएं बैठी हुईं हैं, लेकिन अभी तक यहां कोई नहीं आया। मंत्री सुभाष गर्ग भरतपुर रोजाना आते हैं। सरकार को सिर्फ अपने प्रचार से मतलब होता है, किसी से कोई मतलब नहीं है। कोई नुमाइंदा आकर बात तो करें, सरकार को इसमें गंभीरता दिखाए। मेडिकल के ग्रासरूट के वर्कर है।

राजस्थान राज्य एलएचवी/एएनएम एसोशिएशन की उपाध्यक्ष सरोज कुंतल ने कहा कि, 17 दिन से हम यहां धरना दे रहे हैं। यहां गर्मी में हमारी बहनें बैठी हुई हैं। कई बार यह बेहोश भी हो जाती हैं। यह इतनी परेशान हो रहीं हैं लेकिन, गहलोत सरकार के सिर पर जूं तक नहीं रेंग रही। आज भैंस के आगे बीन बजाई है। इससे यह प्रतीत होता है कि, जिस तरह भैंस के आगे बीन बजाने से कोई फर्क नहीं पड़ रहा उस तरह गहलोत सरकार पर भी कोई फर्क नहीं पड़ रहा। हमारे साथ अत्याचार हो रहा है। हमारी सरकार अब भी नहीं मानती तो आंदोलन और भी उग्र किया जाएगा।

P. D. Sharma


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