दीपाली फौजदार के आरजेएस में सफल होने पर पूर्व कैबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने दी बधाई
उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि हमारी युवा पीढ़ी इस प्रकार की ऊँचाइयों को छू रही है
भरतपुर|राजस्थान हाईकोर्ट ने RJS भर्ती परीक्षा 2024 का परिणाम जारी कर दिया है। भरतपुर की दीपाली फौजदार ने RJS में 153 वीं रैंक हासिल कर माता पिता के साथ जिले का नाम रोशन किया है। उनकी इस उपलब्धि पर घर में खुशी का माहौल है और आतिशबाजी कर जश्न मनाया मनाया गया। दीपाली अपने दूसरे प्रयास में आरजेएस की परीक्षा में सफल हुई हैं। आरजेएस परीक्षा में सफल होने के बाद दीपाली ने कहा कि लोग मेरी शादी की कहते थे, लेकिन पिता ने कभी शादी का दबाव नहीं बनाया और मेरी हमेशा हौसला अफजाई की। मेरा सपना था कि मैं ज्यूडिशियल ऑफिसर बनूं और देश के लिए में अपनी सेवाओं को समर्पित करूंगी।
बीए एलएलबी में दीपाली को मिला गोल्ड मेडल
दीपाली ने 10वीं की पढ़ाई भरतपुर के सेंट पीटर स्कूल से की। उसके बाद 11वीं में उनका एडमिशन केंद्रीय विद्यालय में हुआ, जहां वह 12 वीं तक पढ़ाई की। 2016 में दीपाली ने बीए एलएलबी जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी से की, 2017 में जगन्नाथ यूनिवर्सिटी जयपुर से एलएलएम की, 2020 में नेट की परीक्षा दी। 2021 में इनका ब्रज यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर चयन हुआ। दीपाली ने बीए एलएलबी में गोल्ड मेडल हासिल किया था।
पिता संतोष फौजदार ने बताया कि मैं एडवोकेट और RLD पार्टी का जिला अध्यक्ष हूं। मेरी बेटी ने लक्ष्य हासिल किया है। मैं और मेरे परिजन बेहद खुश हैं। मेरी बेटी का जन्म दीपावली से पहले हुआ था और इसी वजह से उसका नाम दीपाली रखा था। वर्तमान में बेटी की उम्र 30 साल है। जब बेटी तैयारी कर रही थी तो समाज के लोग मेरे ऊपर बेटी की शादी का दबाव बनाते थे, लेकिन मैंने समाज के लोगो से स्पष्ट कह दिया जब तक बेटी अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर लेगी, तब तक हम लोग शादी नहीं करेंगे।
पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने दी बधाई
दीपाली फौजदार के आरजेएस परीक्षा में सफल होने पर पूर्व कैबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट के जरिए दीपाली को हार्दिक बधाई दी और उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी हैं। विश्वेन्द्र सिंह ने अपनी पोस्ट में लिखा, “दीपाली फौजदार की सफलता पर मैं उन्हें और उनके परिवार को दिल से बधाई देता हूँ” यह उनकी मेहनत और समर्पण का फल है। हमें गर्व है कि हमारी युवा पीढ़ी इस प्रकार की ऊँचाइयों को छू रही है।