सनातन धर्म में हर दिन मनाया जाता है मातृ दिवस – महामण्डलेश्वर
भीलवाड़ा|हरिशेवा उदासीन आश्रम सनातन मंदिर भीलवाड़ा के महामण्डलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन ने न्यू जर्सी अमेरिका स्थित वेद मंदिर में आज सत्संग प्रवचन किया । अमेरिका सहित कई अन्य देशों में मई के दूसरे रविवार को ‘मातृ दिवस’ के रूप में मनाया जाता है । संयोगवश इस दिन मातृत्व दिवस होने पर सभी ने स्वामी जी के साथ इसे मनाया एवं अपने गुरुओं की पूजा अर्चना की ।
सत्संग में सर्वप्रथम जगत्गुरु आचार्य श्री श्रीचंद्र जी की पूजा कर अपने गुरुजन की पूजा की । महामण्डलेश्वर स्वामी हंसराम जी ने कहा कि वर्ष में एक दिन मातृत्व दिवस मनाना पाश्चात्य सभ्यता है ,परंतु सनातन धर्म में हर दिन मनाया जाता है मातृ दिवस । उन्होंने अपने प्रवचन में कहा कि धर्म चाहे कोई भी हो, सभी में माँ का स्थान सबसे ऊँचा है । सनातन धर्म मे माता पिता और गुरु के लिए साल मे एक दिन याद करने की परंपरा नही है। उन्हे हर दिन हर पल याद करने की शिक्षा दी जाती है। उनकी तुलना ईश्वर से कम नही आँकी गयी है। उन्होंने कहा –
जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी।
अपने देश को माँ कहना और इसकी रक्षा के लिए जान की भी परवाह न करना, यह सनातन धर्म की ही सीख है । सनातन धर्म में आदि काल से ही सभी देवियों को , गौ को , गीता को गंगा को सभी को माँ का दर्जा दिया जाता है एवं पूजा जाता है ।
स्वामी ने अपने सत्संग में गुरुओं को याद कर “बाबा हरिराम तुहिजा बचडा आहियूँ “ भजन गाकर उनकी दी दी शिक्षाओं का वर्णन कर सभी को सेवा एवं सुमिरन करने को कहा ।
फिलेडेलफिया में बसे लक्ष्मी खटवानी एवं उनके पुत्र हरेश खटवानी , सुरेश खटवानी , राजेश खटवानी तथा उनके परिवार द्वारा आयोजित इस सत्संग में नोतानी परिवार , आहूजा परिवार व अनेक सनातनी परिवारों ने हिस्सा लिया । तत्पश्चात् सभी भक्तों ने भंडारा प्रसाद ग्रहण किया ।
मूलचन्द पेसवानी

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