देश में संस्कृत जन भाषा बने- राजपुरोहित
शाहपुरा के आदर्श विद्या मन्दिर में संस्कृत भारती चित्तौड़ प्रांत अजयमेरु विभाग द्वारा आयोजित भाषा बोधन वर्ग के द्वितीय दिन शनिवार को प्रशिक्षणार्थियों ने कक्षा में गीत अभ्यास, लिंगभेद ज्ञान, बहुवचन पठन, वचनपरिवर्तन, सप्तमी विभक्ति ज्ञान, शिष्टाचार का अभ्यास किया। वर्ग में शिक्षार्थी मम नाम हितांशुः भवतः नाम किम् जैसे लघु वाक्यों में वार्तालाप करते मिले।
वर्ग संयोजक परमेश्वर प्रसाद कुमावत ने बताया वर्ग में आज संस्कृत भारती के क्षेत्र संयोजक तगसिंह राजपुरोहित ने अपने कहा कि संस्कृत भारती भाषा के क्षेत्र में काम करने वाला विश्व का एकमात्र ऐसा संगठन है जो भारत की सबसे प्राचीनतम और मूल भाषा को फिर से जन भाषा बनाने में लगा हुआ है। भारत के प्रत्येक व्यक्ति का जीवन संस्कृत से जुड़ा हुआ है।
छह दिवसीय वर्ग में शाहपुरा, भीलवाड़ा, केकड़ी, ब्यावर, अजमेर, पाली जिले के शिक्षार्थी भाग ले रहे हैं। प्रतिदिन वर्ग में नगर के गणमान्य नागरिक भी अवलोकन हेतु आते हैं। संस्कृतमय वातावरण को देखकर नगर वासियों में संस्कृत के प्रति उत्साह का संचार हो रहा है। शिविर में ओम प्रकाश साहू, सुधांशु राव, अजय प्रजापत, बबली चैहान, ममता कटारिया, शोभा कंवर, प्रियंका कुमारी प्रशिक्षण दे रहे हैं। शिविर में वर्गाधिकारी तेजपाल उपाध्याय, प्रांत सह मंत्री मधुसूदन शर्मा, प्रहलादराय सनाढ्य, वीरेंद्र सिंह खंगारोत, चंचल शर्मा, अभिषेक प्रजापत, देवराज कुमावत, राकेश माली, अजय कुमार प्रजापत, प्रिति शर्मा, बबलू गुर्जर उपस्थित थे।
Moolchand Peshwani