महासाध्वी कुमुदलता मसा का चातुर्मास, पलक पांवड़े बिछाकर श्रावक श्राविकाएं भीलवाड़ा में कर रहे इंतजार
भीलवाडा। (पंकज पोरवाल) इस साल भीलवाड़ा चातुर्मास करने जा रहे श्रमण संघीय जैन दिवाकरीय मालव सिंहनी पूज्या कमलावती म.सा. की सुशिष्या महासाध्वी डॉ. कुमुदलता जी म.सा. आदि ठाणा 4 के दर्शनों के लिए भीलवाड़ा श्रीसंघ मन्दसौर के पास बही पार्श्वनाथ तीर्थ पहुंचे। श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक समिति सुभाषनगर एवं चातुर्मास आयोजन समिति के तत्वावधान में होने वाले चातुर्मास से पूर्व महासाध्वी कुमुदलता म.सा., महासाध्वी महाप्रज्ञा म.सा. साध्वी पद्मकीर्तिजी म.सा., साध्वी राजकीर्ति जी म.सा. आदि ठाणा के दर्शन किए। श्रावक-श्राविकाओं ने उनसे जल्द से जल्द भीलवाड़ा पहुंचने की भावपूर्ण विनती की। महासाध्वी कुमुदलता म.सा. ने कहा कि भीलवाड़ा की पावनधरा पर 13 वर्ष के बाद फिर होने जा रहा चातुर्मास तप त्याग अनुष्ठान, साधना की दृष्टि से एतिहासिक होगा इसका हमे विश्वास है। भीलवाड़ा संघ इस चातुर्मास को सफल बनाने के लिए समर्पित भाव से जुटा हुआ है। उन्होंने चातुर्मास आयोजन समिति सहित सभी लोगों के प्रति मंगलकामनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि हमे इस बात का प्रयास करना है कि वर्षावास में अधिकाधिक धर्मलाभ प्राप्त कर सके। इस दौरान आयोजित धर्म सभा को उद्बोधित करते हुए महासाध्वी महाप्रज्ञाजी म.सा. ने कहा कि मनुष्य भव सार्थक बनाने ओर 84 लाख योनियों का परिभ्रमण समाप्त करने के लिए जीवन में हम प्रतिदिन सामायिक की साधना अवश्य करे। धर्म की साधना करते हुए हम क्रोध मान, माया व लोभ जैसे कषायों से अपनी आत्मा को मुक्त करना है। देव,गुरू व धर्म के प्रति सच्ची श्रद्धा ओर भक्ति होनी चाहिए। इस दौरान साध्वी पद्मकीर्ति म.सा. ने अनुष्ठान कराते हुए भगवान पार्श्वनाथ का जाप कराया। अनुष्ठान के प्रारंभ में सुश्रविका निर्मला भड़कतिया ने कलश स्थापना की। भीलवाड़ा चातुर्मास आयोजन समिति के सचिव एवं राजस्थान जैन कांफ्रेंस के प्रांतीय मंत्री राजेन्द्र सुराना ने चातुर्मास को लेकर की जा रही तैयारियों की जानकारी देते हुए कहा कि महासाध्वी मण्डल के सानिध्य ये चातुर्मास धर्म साधना की दृष्टि से एतिहासिक होगा इसका पूरा विश्वास है। चातुर्मासिक मंगल प्रवेश मंगलवार, 8 जुलाई 2025 को होगा जिसके लिए व्यापक तैयारियां की जा रही है।
चातुर्मास को लेकर उत्साह का माहौल
श्रीसंघ, सुभाषनगर के अध्यक्ष हेमन्त कोठारी ने कहा कि सुभाषनगर ही नहीं पूरे भीलवाड़ा के श्रावक-श्राविकाएं पलक-पावड़े बिछाकर महासाध्वी मण्डल के आगमन का इन्तजार कर रहे है। चातुर्मास को लेकर श्रीसंघ के हर सदस्य के मन में उत्साह का माहौल ओर सभी तन,मन,धन से सेवा देने को आतुर है। उन्होंने बताया कि विभिन्न क्षेत्रों में धर्म प्रभावना करते हुए जून माह के अंतिम सप्ताह में भीलवाड़ा पहुंचने की भावना है। भीलवाड़ा सुभाषनगर स्थानक में चातुर्मासिक प्रवेश से पूर्व शहर में अधिकाधिक क्षेत्रों में पहुंच धर्म की प्रभावना हो इसके लिए प्रयास किए जाएंगे।
भीलवाड़ा से इनकी रही मौजूदगी
भीलवाड़ा से पहुंचे श्रीसंघ में चातुर्मास आयोजन समिति के कोषाध्यक्ष मदनलाल सिपानी, सह कोषाध्यक्ष बंशीलाल बोहरा, प्रवचन व्यवस्था संयोजक राजेन्द्र चण्डालिया, वैयावच्च समिति संयोजक विनोद सकलेचा, चिकित्सा समिति संयोजक शांतिलाल बाबेल, निर्मला भड़कत्या, अनिल सेठी, संग्राम आंचलिया, प्रकाशचंद बाबेल, हनुमान गोखरू, लीलादेवी सुराना, शकुंतला खमेसरा, टीना बापना, रेखा सुराना, सुशीला आंचलिया, राखी खमेसरा, सीमा सेठी आदि भी शामिल थे।