संस्कृत परिष्कृत, परिमार्जित और वैज्ञानिक भाषा है- शर्मा
शाहपुरा|भारत जिस ज्ञान के बल पर विश्व गुरु कहलाता है। वह दुनिया की सबसे परिष्कृत, परिमार्जित और वैज्ञानिक भाषा संस्कृत है। संस्कृत ने दुनिया को ज्ञान, विज्ञान, कला, साहित्य, खगोल शास्त्र, चिकित्सा शास्त्र, से लेकर स्वर विज्ञान तक का ज्ञान दुनिया को भारत ने दिया।
यह बात आदर्श विद्या मंदिर गांधीपुरी शाहपुरा में संस्कृत भारती चित्तौड़ प्रांत अजयमेरु विभाग द्वारा आयोजित छह दिवसीय संस्कृत संभाषण शिविर के उद्घाटन समारोह में बोलते हुए संस्कृत भारती के प्रांत मंत्री एवं कार्यक्रम के मुख्य वक्ता परमानंद शर्मा ने कही। वर्ग संयोजक परमेश्वर प्रसाद कुमावत ने बताया कि छह दिवसीय संस्कृत भाषा बोधन वर्ग में मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला संघचालक शंकरलाल तोषनीवाल थे। जिन्होंने आधुनिक युग में संस्कृत भाषा के महत्व को प्रतिपादित करते हुए कहा कि अमेरिका की नासा जैसी संस्था ने भी संस्कृत के महत्व को जिस तरीके से प्रतिपादित किया है वह हम सब के लिए गौरव का विषय है ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता वर्गाधिकारी पूर्व शिक्षा उपनिदेशक तेजपाल उपाध्याय ने कहा कि संस्कृत लोगों के मनों को जोड़ने वाली भाषा है। वर्ग संयोजक परमेश्वर प्रसाद कुमावत ने अतिथियों का परिचय एवं आगंतुक शिक्षार्थियों का स्वागत किया। धन्यवाद ज्ञापन जिला प्रचार प्रमुख गणपत कोली ने किया। कार्यक्रम का संचालन ओम प्रकाश साहू ने किया। उद्घाटन समारोह में प्रांत सह मंत्री मधुसूदन शर्मा, पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी शिव प्रकाश सोमानी, सेवा भारती अध्यक्ष प्रहलादराय सनाढ्य, प्रतापसिंह बारहठ सेवा संस्थान के सचिव कैलाश सिंह जाड़ावत, रामप्रसाद सेन, सूर्य प्रकाश सेन, सेवा भारती संगठन के राम नारायण गुर्जर, देवराज गुर्जर, विजय व्यास, विपिन कुमावत, पंकज कुमावत, मोहनलाल कोली, अशोक शर्मा उपस्थिति थे। शिविर में 190 से अधिक शिक्षार्थी, शिक्षक, प्रबन्धक भाग ले रहे हैं।
Moolchand Peshwani