सवाई माधोपुर नगर परिषद में बड़ा फर्जीवाड़ा

Support us By Sharing

सवाई माधोपुर नगर परिषद में बड़ा फर्जीवाड़ा

सवाई माधोपुर नगर परिषद के कर्मचारियों संग मिल पार्षद ने किया फर्जीवडा : राजा भईया ने दर्ज कराई शिकायतें

पट्टो की राशि के दिए चैक बाउंस होने के बाद भी फर्जीबाड़ा कर नगर परिषद सवाई माधोपुर ने पार्षद के नाम किए पट्टे

सवाई माधोपुर : कहते है कि रक्षक ही भक्षक बन जाये तो कोई क्या करे। यह बात राजस्थान के जिला सवाई माधोपुर के नगर परिषद मे तैनात संबन्धित अधिकारीयों व कर्मचारियों पर चरित्रार्थ साबित हो रही है। जहाँ एक निर्दलीय पार्षद के साथ मिल कर इन लोगों ने ऐसा फर्जीवडा किया है। जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। हिंदुस्तान शिवसेना के राष्ट्रीय प्रमुख और दिल्ली हाई कोर्ट के एडवोकेट राजेन्द्रसिंह तोमर राजा भईया ने इस बाबत लिखित शिकायतें जिला कलेक्टर, जिला पुलिस अधीक्षक और मानटाउन थाने के प्रभारी को भेज लिखित मे दर्ज कराई है। उन्होंने एक प्रतिष्ठित अख़बार मे छपी खबर को आधार बनाकर ये शिकायतें दर्ज कराई है। राजा भईया ने इस बाबत एक प्रेस नोट व दी गई शिकायतों की प्रतियां पत्रकारों से साँझा करते हुऐ बताया कि पिछले दिनों सवाई माधोपुर नगर परिषद के तत्कालीन सभापति के कार्यालय मे जिले की वेयर हॉउस कालोनी के भूखंड संख्या बी -51 और बी -52 की नीलामी की गई थीं। जिसमे एक निर्दलीय पार्षद योगेंद्रसिंह उर्फ़ बिक्की ने सबसे अधिक बोली लगा कर लगभग अस्सी लाख रूपये मे इन भूखंडो को अपने और अपने भाई राजेंद्र के ना क्रय किए था। उस समय लगभग आधी राशि का भुगतान मौके पर ही कर दिया गया था और शेष राशि रूपये लगभग साठ लाख के चैक नगर परिषद को दिए थे। जोकि दिए चैक जून माह मे उनके खाते मे पर्याप्त राशि ना होने के कारण बाउंस / डिसऑनर हो गये। बाबजूद इसके जुलाई माह मे नगर परिषद के संबन्धित अधिकारियो और कर्मचारियों ने पार्षद से मिली भगत कर उपरोक्त दौनो भूखंडो के पट्टे पार्षद व उनकर भाई के नाम जारी कर दिए। राजा भईया ने अपनी दी शिकायतों मे आरोप लगाए है कि बिना मिली भगत के इतना बड़ा फर्जीवडा नहीं किया जा सकता। चैक डिसऑनर होने के बाद यानी शेष साठ लाख रूपये का भुगतान ना होने पर भी आखिर पार्षद व उनके भाई के नाम पट्टे कैसे जारी किए गये…? और मजे की बात यह है कि इतना सब होने के बाद ना तो इन पट्टो को नगर परिषद ने रद्द किया ना किसी को कोई नोटिस जारी किया और ना ही इस बाबत किसी के विरुद्ध कोई पुलिस रिपोर्ट ही दर्ज कराई। जबकि यह एक सोची समझी साजिश के तहत स्वम को लाभ पहुँचाने की मंशा से मिली भगत कर किया गया फर्जीवड़े का अपराध है। जिसके लिऐ भारतीय दण्ड सहिंता की भिन्न भिन्न धाराओं मे मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए था। अब राजा भईया ने उपरोक्त अधिकारियो को शिकायत दे सभी संबन्धित आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर उचित कानूनी कार्यवाही करने और विभागीय जाँच भी करा कर उचित कानूनी कार्यवाही करने की मांग की है। क़ानून की नजर से देखा जाये तो मामला अत्यंत गंभीर है और आरोपी भी कोई हल्के फुल्के व्यक्ति नहीं। बल्कि राजनितिक पहुँच रखने वाले और कुछ सरकारी अधिकारी व कर्मचारी है। अब देखना यह होगा कि राजा भईया की शिकायतों पर आखिर कब तक और क्या क्या कर्यवाहीयाँ और किस किस के विरुद्ध होती है।

राजेन्द्रसिंह तोमर (राजा भईया) प्रमुख हिंदुस्तान शिवसेना एवं एडवोकेट दिल्ली हाई कोर्ट

Support us By Sharing

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!