कृषि विद्युत कनेक्शन का इंतजार कर रहे किसानों को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की बड़ी खुशखबरी

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सौर ऊर्जा पम्प संयंत्र लगाने पर मिल रहा है 60 प्रतिशत अनुदान

डीग, 18 सितंबर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देशन में कृषि विद्युत कनेक्शन का इंतजार कर रहे किसानों को बड़ी खुशखबरी मिली है। कृषि विद्युत कनेक्शन के अभाव में डीजल इंजन चलित पंप से खेतों में सिंचाई कर रहे किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम) स्टैण्ड अलोन सौर ऊर्जा पम्प परियोजना (कम्पोनेन्ट बी) एक सुनहरा अवसर मुहैया करा रहा है। बिजली कटौती एवं कृषि कनेक्शन में होने वाली देरी से छुटकारा मिलने के साथ ही केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा दिए जा रहे अनुदान का लाभ उठाते हुए सौर ऊर्जा पंप संयंत्र लगाने का मौका इस योजना के माध्यम से किसानों को मिल रहा है।

पीएम-कुसुम-कम्पोनेन्ट बी के तहत कृषकों को 3, 5 एवं 7.5 हॉर्स पावर क्षमता के सौर ऊर्जा पंप संयंत्र लगाने पर 60 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। इसमें 30 प्रतिशत अनुदान केन्द्रीय मद से जबकि 30 प्रतिशत राज्य मद से है। अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के कृषकों को राज्य मद से 45 हजार रूपए प्रति कृषक प्रति संयंत्र अतिरिक्त अनुदान मिलेगा। पंप संयंत्र की कुल लागत की 40 प्रतिशत राशि कृषक द्वारा स्वयं वहन की जाती है। कृषक अपनी हिस्सा राशि का 30 प्रतिशत तक बैंक से ऋण प्राप्त कर सकते हैं। सौर ऊर्जा पंप संयंत्र के लिए भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय से निर्धारित दरों पर अनुबंधित/सूचीबद्ध फर्म द्वारा स्थापित किए जाने पर ही अनुदान देय होगा। आपूर्तिकर्ता फर्म का चयन कृषक द्वारा किया जाएगा।

अनुदान राशि का भुगतान उद्यान विभाग द्वारा संबंधित आपूर्तिकर्ता फर्म को दो चरणों में किया जाता है। अनुबंधित फर्म द्वारा सौर ऊर्जा पंप संयंत्र कृषक के खेत पर स्थापित किए जाने का सत्यापन कमेटी द्वारा सत्यापन किए जाने के पश्चात् पंप संयंत्र की 90 प्रतिशत (40 प्रतिशत कृषक हिस्सा एवं 50 प्रतिशत अनुदान राशि) राशि का भुगतान देय होगा। शेष राशि का भुगतान दूसरे चरण में होगा।

पीएम कुसुम योजना कंपोनेंट-बी के तहत वर्ष 2023-24 के लिए राज्य के समस्त जिलों में कुल मिलाकर एक लाख सौर ऊर्जा पंप संयंत्र स्थापित करने का लक्ष्य तय किया गया है।

आवेदन की प्रक्रिया एवं स्वीकृति

सौर ऊर्जा पंप संयंत्र के लिए कृषकों द्वारा राजकिसान साथी पोर्टल पर ई-मित्र या स्वयं की एसएसओ आईडी से आवेदन किया जा सकता है। पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों की ऑनलाइन छंटनी जिला कार्यालयों द्वारा की जाएगी एवं तकनीकी सर्वे के लिए आवेदन संबधित फर्म को भेजा जाएगा। फर्म द्वारा कृषक के जलस्त्रोत का तकनीकी सर्वे कर सर्वे रिपोर्ट एवं संयंत्र का कोटेशन पोर्टल पर अंकित कर उद्यान विभाग के जिला कार्यालय को ऑनलाइन प्रस्तुत किया जाएगा।

जिला कार्यालय द्वारा कृषक की ऑनलाइन प्रशासनिक स्वीकृति जारी की जाएगी। स्वीकृति जारी होने के बाद कृषक द्वारा उसके हिस्से की 40 प्रतिशत राशि राजकिसान साथी पोर्टल पर दिए गए लिंक के माध्यम से ई-मित्र अथवा ईसीएस/डीडी के माध्यम से जिला हॉर्टीकल्चर डवलपमेंट सोसायटी के बैंक खाते में जमा कराई जाएगी। राशि जमा होने के बाद जिला उद्यान कार्यालय द्वारा ऑनलाइन कार्यादेश जारी किया जाएगा। फर्म द्वारा सोलर पंप संयंत्र स्थापित कर पंप का विस्तृत विवरण राजकिसान साथी पोर्टल पर डाला जाएगा। संयंत्र का बिल जारी कर स्केन किया जाएगा साथ ही फर्म द्वारा संयंत्र का बीमा कराया जाएगा जिसकी प्रति ऑनलाइन पोर्टल पर स्केन की जाएगी। जिला हॉर्टीकल्चर डवलपमेंट सोसायटी स्तर से संयंत्र स्थापना के 7 दिन में संयंत्र का निर्धारित मोबाइल एप से भौतिक सत्यापन किया जाएगा।

 


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