दीक्षार्थी की निकाली बिनौली यात्रा: समाज के लोगों ने गोद भराई का किया कार्यक्रम


जैनाचार्य इन्द्रनन्दी महाराज से लेंगे जैनेश्वरी दीक्षा

उनियारा। बनेठा कस्बें के जैन समाज के लिए बुधवार का दिन गौरवशाली बन गया। सावर गांव अजमेर जिले में 16 मई को मुनि दीक्षा लेने जा रहे हैं महेंद्र भैय्या का सकल जैन समाज ने चन्द्रप्रभु दिगम्बर जैन मंदिर एवं नेमीनाथ दिगम्बर जैन बड़ा मंदिर के पदाधिकारियों ने दीक्षा पूर्व अभिनंदन,गोद व छोल भराई की रस्म निभाई। दीक्षार्थी महेन्द्र भैय्या की भव्य अगवानी बैंड बाजा, ढोल धमाकों के साथ की। समाज के हरीश जैन पाण्डया एवं मनोज जैन ने बताया कि कार्यक्रम के तहत चंद्रप्रभु मंदिर में शाम 7 बजे छोल भराई की रस्म की गई। सकल जैन समाज के लोगों ने श्रीफल,फल,सूखे मेवे,काजू किशमिश,अखरोट,मिश्री से दीक्षार्थी की छोल भरी। जिसके बाद गाजे बाजे के साथ महेंद्र भैय्या की भव्य बिंदोरी मुख्य बाजार से होते हुए तेजाजी चौक,बड़ा बाजार,आजाद चौक, नेमीनाथ मंदिर होती हुई जैन मंदिर समीप स्थित संत निवास पहुंची। शोभायात्रा के दौरान समाज के लोगों ने अपने घरों के बाहर जगह-जगह गोद भराई की रस्में निभाई।

कौन है दीक्षा लेने वाले महेन्द्र भैय्या

सरल स्वभावी सुशिक्षित महेन्द्र भैय्या का जन्म शिवाड़ निवासी पिता बद्रीलाल–माता प्रेम देवी के आंगन में 2 सितम्बर 1963 को शुभ बेला में हुआ। इन्होंने अपनी लौकिक शिक्षा 1979 में मैट्रिक उत्तीर्ण की। इनका विवाह टोडारायसिंह निवासी कपूर चन्द, मिलाप चन्द के यहां मंजू देवी के साथ हुआ। जिनका वर्ष 2005 में आकस्मिक निधन हो गया। इनकी माता प्रेम देवी धर्म परायण महिला थी जिन्होंने आर्यिका गरिमामती एवं गंभीरमती माताजी से संबोधित होकर गृह त्याग कर क्षुल्लिका साध्वी बन गई। बता दें उस दौरान वर्ष 2011 में आर्यिका संघ का चतुर्मास शिवाड़ नगर में हुआ था। महेन्द्र भैय्या के दो बेटियां मेनका जिसका विवाह लावा ग्राम में एवं टीना का विवाह फागी में हुआ। इनके इकलौते पुत्र मनीष का विवाह मित्रपुरा कस्बें में हुआ। जिनका किराने का व्यवसाय है। इनका भरा पूरा परिवार है।

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वैराग्य का भाव उत्पन्न हुआ

संसार की नश्वरता एवं अपनी पत्नी की असामायिक मृत्यु व अपनी माताजी को क्षुल्लिका पद पर संलेखना से प्रभावित होकर जैनेश्वरी दीक्षा लेने के भाव उत्पन्न हुए। जिसे अब 16 मई 2025 को अजमेर जिले में सावर ग्राम की पावन धरा पर जैनेश्वरी मुनि दीक्षा के रुप में साकार किया जाएगा।

जैनाचार्य इन्द्रनन्दी महाराज से लेंगे जैनेश्वरी दीक्षा

भौतिक सुखों से परे होकर दीक्षा के लिए कदम बढ़ाना हर किसी के लिए सहज नहीं है। जैन धर्म में जीव का वैराग्य की ओर प्रवत होकर जैनेश्वरी दीक्षा धारण करना जीवन की उत्कृष्ठ अवस्था माना गया है। दीक्षार्थी महेन्द्र भैय्या में उपस्थित श्रद्धालुओं को आशीर्वाद प्रदान किया।

कार्यक्रम में मौजूद रहे

बिन्दौली यात्रा के दौरान अग्रवाल समाज के अध्यक्ष तेजमल जैन, अग्रवाल समाज चौरासी के ब्लॉक अध्यक्ष बसंत जैन, सरावगी समाज के अध्यक्ष पदम पाण्डया,संरक्षक पूरणमल लुहाड़िया,हेमचन्द सौगाणी, लोकेश जैन,सुशील जैन,प्रवीण पाण्डया सहित गणमान्य लोग मौजूद रहे।


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