सवाई माधोपुर विधानसभा चुनाव रोचक मोड़ पर
भाजपा नेत्री आशा मीणा ने निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए ठोकी ताल
सवाई माधोपुर 26 अक्टूबर। (राजेश शर्मा)। भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की सदस्य एवं गत विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रही आशा मीणा ने गुरूवार 26 अक्टूबर को हजारोें समर्थकों के साथ त्रिनेत्र गणेशजी के दर्शन कर निर्दलीय चुनाव लड़ने की अधिकृत घोषणा की। साथ ही उन्होने भाजपा आला कमान से सवाई माधोपुर में दिये गये भाजपा टिकिट पर पुनर्विचार कर स्वयं को टिकिट देने की मांग की।
आशा मीणा ने गुरूवार को रणथम्भौर रोड़ स्थित अपने शगुन फार्म हाउस पर मीडिया से रूबरू होते हुऐ कहा कि वो लगातार पिछले दस साल से सवाई माधोपुर के आमजन के लिए पार्टी बैनर पर निरन्तर कार्य कर रही थी, और भाजपा से टिकट मांग रही थी। लेकिन पार्टी आलाकमान ने ऐसे व्यक्ति को टिकिट देकर जन भावनाओं के साथ कुठाराघात किया। जिस व्यक्ति ने तीन बार भाजपा के खिलाफ सवाई माधोपुर का चुनाव लड़कर पार्टी को नुकसान पहुंचाया। एक प्रश्न के जवाब में आशा मीणा ने कहा कि सवाई माधोपुर की आम जन की भावना और दबाव के चलते मैंने चुनाव लड़ने का निर्णय किया है। मैं सवाई माधोपुर की बेटी हूँ, बहू हूँ, सवाई माधोपुर मेरा परिवार है। पार्टी टिकिट दे न दे यह कोई महत्वपूर्ण चीज नहीं है। आम जनता जिसके साथ होती है विजय भी उसी को मिलती है।
उल्लेखनीय है कि सवाई माधोपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा ने राज्यसभा सांसद डाॅ. किरोड़ीलाल मीणा को चुनाव मैदान में उतारा है। जबकि काँग्रेस की तरफ से वर्तमान विधायक दानिश अबरार को पुनः टिकिट देकर चुनावी रण में उतारा है।
जिस प्रकार आशा मीणा ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर डाॅ. किरोड़ीलाल मीणा के सामने चुनौती खड़ी कर दी है। उसी तरह चर्चा है कि दानिश अबरार के खिलाफ भी किसी मुस्लिम उम्मीद्वार को चुनाव मैदान में उतारने की कावायद चल रही है। ऐसे में सवाई माधोपुर विधानसभा का चुनाव प्रदेश में रोचक और प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है।