शाहपुरा बंद, जिला बहाली की मांग को लेकर संघर्ष समिति का ब्लैक डे


सीएम भजनलाल शर्मा के भीलवाड़ा दौरे के दौरान बंद का ऐलान

भीलवाड़ा जिले के शाहपुरा कस्बे में आज आम जनजीवन ठप रहा। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के भीलवाड़ा दौरे के मद्देनजर, शाहपुरा जिला बचाओ संघर्ष समिति के आह्वान पर कस्बा पूरी तरह से बंद है। शाहपुरा को पुनः जिला बनाने की मांग को लेकर यह आंदोलन लगातार 87वें दिन भी जारी रहा।
संघर्ष समिति के अध्यक्ष दुर्गालाल राजौरा और संयोजक रामप्रसाद जाट के नेतृत्व में चल रहे इस आंदोलन के तहत हर माह की 28 तारीख को ब्लैक डे मनाने का निर्णय लिया गया है। इसी क्रम में आज शाहपुरा में बाजार पूर्णतः बंद रहे। इस बंद को व्यापार मंडल का भी पूरा समर्थन प्राप्त हुआ है, जिससे शहर के अधिकांश व्यापारिक प्रतिष्ठान, दुकानें और सेवाएं ठप्प रहीं।
सुबह से ही कस्बे के बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा और दुकानों के शटर बंद नजर आए। स्थानीय निवासियों और व्यापारियों ने भी संघर्ष समिति के इस शांतिपूर्ण बंद को समर्थन दिया।

संघर्ष समिति के सदस्यों ने बताया कि उन्होंने भीलवाड़ा जाकर मुख्यमंत्री से मुलाकात कर ज्ञापन देने का निर्णय लिया है, लेकिन मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से उन्हें मिलने का समय नहीं दिया गया। बावजूद इसके, समिति के कुछ सदस्य भीलवाड़ा पहुंचेगें और मुख्यमंत्री से मुलाकात कर अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपने का प्रयास करेंगे।
शाहपुरा बंद और आंदोलन के मद्देनजर प्रशासन और पुलिस विभाग ने कस्बे में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है। संघर्ष समिति ने साफ कहा है कि अब शाहपुरा की जिला बहाली के सिवाय किसी प्रकार का समझौता स्वीकार नहीं किया जाएगा। समिति का कहना है कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा घोषित शाहपुरा जिले को वर्तमान सरकार ने वापस लेकर शाहपुरा की जनभावनाओं का अपमान किया है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
आंदोलनकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि यह आंदोलन पूरी तरह से गैर-राजनीतिक और जनहित में है और जब तक शाहपुरा को पुनः जिला नहीं बनाया जाता, तब तक संघर्ष जारी रहेगा। शाहपुरा के आम नागरिकों में भी इस मुद्दे को लेकर गहरा रोष व्याप्त है। लोगों का कहना है कि उन्हें अब भी जिला स्तर की मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं और उन्हें भीलवाड़ा जैसे बड़े शहरों की दौड़ लगानी पड़ती है।
संघर्ष समिति का यह आंदोलन जन आंदोलन का रूप लेता जा रहा है। यदि सरकार ने जल्द ही कोई ठोस निर्णय नहीं लिया, तो यह आंदोलन और अधिक तीव्र रूप ले सकता है।


WhatsApp Channel Join Now
Telegram Group Join Now