सैकडों की संख्या में पहुंचे ब्रजयात्री
तीर्थराज विमल कुण्ड व मन्दिर देवालयों के किए दर्शन
कामां। गौडीय मठ गोवर्धन के सानिध्य में बुधवार को सैकडों की संख्या में ब्रजयात्री कामां पहुंचे। जहां उन्होंने तीर्थराज विमल कुण्ड के दर्शन कर मन्दिर देवालयों में पूजा अर्चना की। वहीं तीर्थराज विमल कुण्ड पर प्रसादी ग्रहण की।
तीर्थराज विमल कुण्ड स्थित विमल बिहारी मंदिर के सेवाधिकारी संजय लवानिया ने कामवन विराजित क्रीड़ास्थलियों का माहात्म्य सुनाते हुए बताया कि विष्णु पुराण के अनुसार तीर्थराज विमलकुण्ड के दर्शन मात्र से सुमेरु पर्वत के समान पाप क्षणभर में में नष्ट हो जाते हैं। इसके दर्शन के लिये देवता भी कठोर तपस्या से भी समर्थ नहीं हो पाते। भगवान श्री कृष्ण की रासलीला में विमल कन्याओं के नेत्रों से धरा पर गिरे प्रेमश्रुओ से तीर्थराज विमलकुण्ड का प्राकट्य हुआ। अपनी लीला दिखाकर श्रीकृष्ण वापस गोलोक धाम चले गए लेकिन उनकी लीला की निशानी आज भी श्रीकृष्ण के होने का एहसास दिलाते हैं। विष्णु पुराण के अनुसार काम्यवन में चैरासी कुण्ड,चैरासी मन्दिर तथा चैरासी खम्बे स्थित हैं। यहां के कुण्डों को तीर्थ की मान्यता प्राप्त है। जिनमें स्नान करने मात्र से सभी प्रकार की कामना पूरी हो जाती है।