बृजयात्रियों ने कामवन के मन्दिर देवालयों के किए दर्शन
बृजयात्रियों के जयकारों से गूंजा तीर्थराज विमलकुण्ड
कामां। किसी को कृष्ण की चाह तो किसी को मोक्ष प्राप्ति की कामना,हर किसी के होठों पर बस श्री राधा-श्री राधा नाम। कार्तिक मास के प्रारम्भ से ही कामवन में दर्शन करने आने वाले बृजयात्रियों का सैलाब उमड रहा है। तीर्थराज विमलकुण्ड में स्नान ,दर्शन व आचमन पुष्कर राज से सात गुणा अधिक पुण्यफल प्रदान करता है। इसके दर्शन व स्नान से मन पावन ,पवित्र व निर्मल हो जाता है। तीर्थराज विमल कुण्ड आस्था का यह केन्द्र है। मंगलवार को पश्चिम बंगाल,असम,उड़ीसा,मणिपुर आदि स्थानों के बृजयात्रियों ने कामां पहुंचकर तीर्थराज विमल कुण्ड सहित मन्दिर देवालयों के दर्शन किए।
कामवन में श्रद्धा,भक्ति और विश्वास से जुडी श्रीकृष्ण की क्रीड़ास्थलियों व तीर्थराज विमल कुण्ड में स्नान के लिए आने वाले बृजयात्रियों को दिन प्रतिदिन बढती जा रही है। हर कोई राधे की भक्ति में डूबा नजर आता है। जिधर देखो उधर ही भक्ति की चादर ओढ़े आस्थावान श्रद्धालु श्री राधा नाम संकीर्तन करते दिखाई देते है। कामवन में विराजित श्रीकृष्ण लीला क्षेत्रों के दर्शन मात्र से मन को अभूतपूर्व सुख-शांति व आनन्द की प्राप्ति होती है। इसीलिए असंख्य रसिक भक्त जनों ने इस परम पावन व दिव्य लीला-भूमि में निवास कर प्रिया-प्रियतम का अलौकिक साक्षात्कार करके अपना जीवन धन्य किया है।