बसपा सुप्रीमो मायावती ने विपक्षी गठबंधन इंडिया से बनाई दूरी, लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने का किया ऐलान

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बसपा सुप्रीमो मायावती ने विपक्षी गठबंधन इंडिया से बनाई दूरी, लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने का किया ऐलान

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने बड़ा ऐलान किया है।उन्होंने कहा है कि उनकी पार्टी पंजाब और हरियाणा में क्षेत्रिय दलों के साथ कुछ शर्तों के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ेगी तो वहीं राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बसपा अकेले ही मैदान में उतरेगी।इसके साथ साथ ही मायावती ने साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी 2024 का लोकसभा चुनाव अपनी दम पर लड़ेगी।बसपा मुखिया मायावती ने बुधवार को मीडिया को संबोधित किया और कहा कि विपक्षी दल सत्ता पाने के लिए गठबंधन कर रहे हैं। कांग्रेस पर हमलावर होते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने जैसी जातिवादी और पुंजीवादी ताकतों के साथ गठबंधन कर रही है।उन्होंने कहा कि सत्ता से बाहर होने पर ही कांग्रेस को दलितों, पिछड़ों और गरीबों की याद आती है। जब सत्ता में होते हैं तो न तो भाजपा व न ही कांग्रेस को किसी की परवाह रहती है। भाजपा ने 2014 में हर गरीब के खाते में 15-15 लाख रुपये डालने का वादा किया था जो कि पूरा नहीं किया।बसपा मुखिया मायावती ने कहा कि एक तरफ सत्ता पक्ष फिर से अपनी सरकार बनाने की दलीले दे रहा है. तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी गठबंधन के सहारे सत्ता में आने के सपने देख रही है।दोनों ही गठबंधन सरकार में आने के लिए अपने-अपने दावे ठोक रहे हैं, लेकिन जिन लोगों ने पहले जो वादे किये थे, वो खोखले साबित हुए।
बसपा मायावती ने कहा कि क्षेत्रीय दलों को अगर साथ आना है तो उसके लिए शर्त यह है कि उनका एनडीए और बदले गए यूपीए से भी कोई संबंध नहीं होना चाहिए।बसपा को भी सत्ता पर आसीन होने का अवसर मिल सकता है।इन सब बातों को ध्यान में रखकर बसपा को मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना जैसे राज्यों में अकेले चुनाव लड़कर दमखम दिखाना है।
बसपा मुखिया मायावती ने कहा कि भाजपा 300 से ज्यादा सीटें लाने की बातें कर रही है,लेकिन उनकी बातों में भी कथनी और करनी का अंतर है।उनकी कथनी-करनी में कांग्रेस की तरह ही खास बदलाव नहीं आता है।सत्ता में रहने के दौरान इनके दावे भी खोखले ही साबित होते रहे है।
बताते चलें कि इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने समान नागरिक संहिता को लेकर भी अपना रुख स्प्षट किया था। मायावती ने बड़ा बयान देते हुए कहा था कि उनकी पार्टी समान नागरिक संहिता के विरोध में नहीं है।मगर संविधान इसे थोपने का समर्थन नहीं करता है। भाजपा को यूसीसी से जुड़े सभी आयामों पर विचार करना चाहिए।हमारी पार्टी यूसीसी लागू करने के खिलाफ नहीं है। यूसीसी लागू करने के भाजपा मॉडल पर हमारी असहमति है।
बसपा मुखिया मायावती ने आगे कहा था कि ये बात भी सोचने वाली है कि अगर हर धर्म के मानने वाले एक समान कानून लागू होता है तो इससे देश कमजोर नहीं, बल्कि मजबूत ही होगा।साथ ही लोगों में आपसी सद्भाव भी पैदा होगा।यह बात भी कहीं हद तक सही है।इसे ध्यान में रखते हुए ही भारतीय संविधान की धारा 14 में यूसीसी को बनाने का जिक्र किया गया है।


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