सुप्रीम कोर्ट के निर्देश व सरकार के आदेश को जिम्मेदार दिखा रहे ठेंगा
प्रयागराज। ब्यूरो राजदेव द्विवेदी। जनपद के यमुनानगर विकासखंड शंकरगढ़ क्षेत्र में कृषि विभाग लगातार चेतावनी दे रहा है कि किसान पराली ना जलाएं मगर रोक के बावजूद भी किसान पराली जला रहे हैं। प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर आदेश जारी किया है कि किसी भी सूरत में खेतों में धान की पराली न जलाई जाए। लेकिन जनपद के शंकरगढ़ क्षेत्र में सरकार की मनाही के बावजूद किसान पराली जला रहे हैं। जबकि पराली जलाने को लेकर उत्तर प्रदेश के कई जिलों में किसानों पर कार्यवाही किए जाने की खबरें आ रही हैं। लेकिन बारा राजस्व विभाग के अधिकारी व कर्मचारी कुंभकरणी निद्रा में मस्त है। खेतों में पराली जलाने से बढ़ते प्रदूषण को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के पराली ना जलाने के आदेश के बाद भी शंकरगढ़ क्षेत्र के करिया कला, करिया खुर्द, लोटना गांव आदि कई ग्राम सभाओं में पराली जलाने की तस्वीरें लगातार सामने आने के बाद भी प्रशासन सख्त रुख अपनाते नहीं दिख रहा। जबकि कृषि विभाग शंकरगढ़ के अधिकारी व कर्मचारी लगातार चेतावनी दे रहे हैं।मगर परगना बारा की राजस्व टीम मौके पर पहुंचकर पराली जलाने वाले किसानों पर कार्यवाही करती नहीं दिख रही है। जबकि पराली जलाने का आरोप सिद्ध होने पर एफआईआर व जुर्माना वसूले जाने का प्रावधान है। साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा प्रदूषण का वास्ता देकर किसानों को जागरूक करने उन्हें सुविधा देने के साथ धान की पराली ना जलाने की चेतावनी देनी चाहिए मगर ऐसा होता नहीं दिख रहा है। जिससे लगातार क्षेत्र में प्रदूषण बढ़ रहा है मगर जिम्मेदार बेखबर हैं।अब देखने वाली बात यह होगी कि राजस्व विभाग की टीम मामले को संज्ञान में लेकर पराली जलाने वालों को जागरूक कर चेतावनी देगी अथवा सब कुछ ऐसे ही चलता रहेगा।