भीलवाडा। (पंकज पोरवाल) राज्य सरकार द्वारा चुनाव में अधिग्रहण की गई निजी बसों का किराया नहीं बढ़ाया गया तो बस आपरेटर एसोसिएशन राजस्थान द्वारा हड़ताल करने की चेतावनी दी है। एसोसिएशन द्वारा बार-बार ज्ञापन देने के बावजूद भी सरकार ने चुनाव अधिग्रहण के दौरान बसों का किराया नहीं बढ़ाया। पड़ोसी राज्यों में राजस्थान सरकार से अधिक किराया दिया जा रहा है। एसोसिएशन के प्रदेश प्रवक्ता एवं भीलवाड़ा जिला निजी बस एसोसिएशन के महासचिव जगदीश चंद्र ओझा ने बताया कि आज एक नई बस अगर बनाई जाती है तो उसकी लागत 50 से 60 लाख रुपए की आती है। इसका सरकार की तरफ से 14 से 25 सीटर गाड़ी का किराया 1450 रुपए, 25 से 35 सीटर गाड़ी का 1800 रुपए तथा 36 सीट या उससे ज्यादा का किराया 2225 रुपए है। इसके अंदर बस मालिक को ड्राइवर को वेतन तथा खाने पीने का पैसा अलग से देना पड़ता है। पहले चुनाव में जब गाडियां लगती थी तब तक का राज्य सरकार की तरफ से टैक्स माफ रहता था। वह भी अब राज्य सरकार ने बंद कर दिया है। राज्य सरकार ने महिलाओं को एवं वरिष्ठ नागरिकों को 50 प्रतिशत की किराए में छूट देने से प्राइवेट बस व्यावसाय समाप्त होने की कगार पर है। परिवहन विभाग अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए जिन गाडियों के टैक्स व पेपर कंप्लीट है उनके भी जबरन 10000 रुपए के ऑनलाइन चालान किए हैं। एसोसिएशन के प्रवक्ता ओझा ने बताया कि 7 अप्रैल को सरकार को सिर्फ चेतावनी के तौर पर बसें रोकी जाएगी। इसके बाद भी अगर सरकार ने किसी प्रकार का निर्णय नहीं लिया तो सरकार को चुनाव के लिए बसें उपलब्ध नहीं करवाई जाएगी।