हृदय में राम को धारण करने से मिलते हैं सकल कलेश – संत मुरलीधर महाराज


सवाई माधोपुर 3 सितम्बर। सवाई माधोपुर राजस्थान में आयोजित नौ दिवसीय राम कथा में मंगलवार को तृतीय दिवस का प्रवचन हुआ।
मंगलाचरण के पश्चात मानस मर्मज्ञ पूज्य संत मुरलीधर महाराज ने गोस्वामी तुलसीदास महाराज द्वारा रचित रामचरितमानस के बालकांड में वर्णित मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के अवतार के कारणों व हेतुओं पर प्रकाश डालते हुए भगवान राम के जन्मोत्सव की कथा का रस पान करवाया। जय विजय, मनु शतरूपा व प्रताप भानु की पूर्व जन्म की कहानी को भगवान के जन्म का कारण बताने के बाद जब पूज्य महाराज ने भए प्रकट कृपाला दीन दयाल कौशल्या हितकारी गाया तब श्रोता अति आनंदित होकर झूमने लगे।
प्रसंग के माध्यम से महाराज ने बताया कि जब इस धरती पर जब ब्राह्मण, धेनु तथा संत दुखी होते हैं तब तब भगवान का अवतार होता है। देवता व मानव राक्षसों के अत्याचार से दुखी होकर भगवान से धरती पर अवतार लेने की प्रार्थना की तब भगवान ने दुष्ट रावण का वध करने तथा धरती को पापों से मुक्त करने हेतु युग परिवर्तन करके भी अवतार लिया।
महाराज ने कहा कि जिनके ह्रदय में भगवान है वह व्यक्ति कभी दुखी नहीं हो सकता।


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