मेहकर में कैंसर मार्गदर्शन शिविर का हुआ आयोजन, साढे सात सौ रोगियों को दिया परामर्श
जीवन शैली में बदलाव लाना कैंसर रोगियों के लिए बहुत जरूरी- हंसराज चोधरी
महाराष्ट्र के शिवाजी नगर, मेहकर जिला बुलढाणा में स्थित भीलवाड़ा जिले के श्रीनवग्रह आश्रम सेवा संस्थान तथा महाराष्ट्र के श्री संत गजानन महाराज केंसर समुपदेशन सेवा समिति के तत्वावधान में कैंसर मार्गदर्शन शिविर का आयोजन गुरूवार को समारोह पूर्वक किया गया। इस दौरान 750 रोगियों का स्वास्थ्य परीक्षण करके उनको उपचार के लिए मार्गदर्शन दिया गया। आज मेहकर दत्त रेजीडेंसी में श्री संत गजानन महाराज कैंसर परामर्श केंद्र मेहकर ने आयुर्वेदिक पद्धति से कैंसर परामर्श शिविर का आयोजन किया। संयोजक श्री नवग्रह आश्रम कैंसर सैनिक जयंत राव वानखेड़े ने सभी का स्वागत किया।
नवलगिरि महाराज कुरहा के सानिध्य एवं स्थानीय विधायक संजय रायमूलकर के आतिथ्य में आयोजित इस शिविर के शुभारंभ मौके पर शिवसेना के सांसद प्रतापराव जाधव एवं विधायक संजय रायमूलकर की ओर से श्रीनवग्रह आश्रम सेवा संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष हंसराज चोधरी का स्मृतिचिन्ह भेंट कर सम्मान किया गया। आज दिन भर के इस शिविर में श्रीनवग्रह आश्रम सेवा संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष हंसराज चोधरी एवं आश्रम के चिकित्सक डॉ पंकज सैनी तथा सहयोगी बद्रीलाल भड़ाणा ने कैंसर के 504 तथा अन्य रोगों के 248 रोगियों का परीक्षण करके उनको चिकित्सकीय परामर्श दिया।
कैंसर मार्गदर्शन शिविर में मुख्य वक्ता के रूप् में श्रीनवग्रह आश्रम सेवा संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष हंसराज चोधरी ने कहा कि जीवन शैली में बदलाव लाना कैंसर रोगियों के लिए बहुत जरूरी हो गया है। देश में कोरोना के बाद स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता तो आयी है परंतु प्रत्येक व्यक्ति को जागरूक होकर जीवन शैली में बदलाव कर स्वस्थ्य रहना चाहिए।
चोधरी ने कहा कि व्यसन की लत से कैंसर की बीमारी पैदा होती है और मनुष्य को कैंसर जैसी बीमारियां हो रही हैं। उन्होंनेे इस लत को छोड़ने का आग्रह किया और नवग्रह आश्रम से कई कैंसर रोगियों को आयुर्वेदिक उपचार पद्धति और जीवन शैली में बदलाव के साथ किया गया है और हो रहा है और महकर में कई मरीज ठीक हो रहे हैं। कैंसर के मरीज अपनी आंतरिक शक्ति को बढ़ाकर व्यक्ति इस रोग को स्थायी रूप से नियंत्रित कर सकता है। मुख्य वक्ता हंसराज चोधरी ने शिविर में कैंसर के लक्षणों की पहचान, उपचार तथा कैंसर के प्रमुख कारणों के संबध में आयुर्वेद चिकित्सा पद्वति व वानस्पतिक पद्वति द्वारा जानकारी दी गई।
चोधरी ने बताया कि कैंसर रोग में शरीर की कोशिकाओं के समूह में अनियंत्रित रूप से वृद्धि होती है जब ये कोशिकाएं टिशू को प्रभावित करती है तो कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाता है। कैंसर की जल्दी पहचान और उपचार से कैंसर से ठीक हो सकता है। कैंसर कई प्रकार होते हैं जैसे स्तन कैंसर, गर्भाशय कैंसर, मुंह व गले का कैंसर, फेफड़ों का कैंसर, ब्रेन कैंसर। कैंसर होने के कुछ कारक ऐसे होते हैं। जिनसे कैंसर होने का खतरा किसी को भी हो सकता है जैसे धूम्रपान, तंबाकू चबाना, मोटापा, शराब का उपयोग और शारीरिक रूप से निष्क्रिय रहना है। कैंसर के लक्षण की सही समय पर पहचान करना बेहद जरुरी है।