पंच दिवसीय महोत्सव संपन्न; करो नहीं ऐसा व्यवहार जो न हो मन को स्वीकार – आचार्य सौरभ सागर

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पंच दिवसीय महोत्सव संपन्न; करो नहीं ऐसा व्यवहार जो न हो मन को स्वीकार – आचार्य सौरभ सागर

जयपुर 25 जुलाई। शहर के प्रताप नगर सेक्टर 8 दिगंबर जैन मंदिर में चल रहे आचार्य सौरभ सागर महाराज के सानिध्य में पंच दिवसीय मज्जाजिनेन्द्र महाअर्चना सिद्धचक्र महामंडल विधान पूजन के पांचवे और अंतिम दिन प्रातः 8.30 बजे महोत्सव में सम्मिलित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए आचार्य सौरभ सागर ने कहा कि जो कृत्य स्वयं को स्वीकार न हो वह कृत्य दूसरों के साथ कभी नही करना चाहिये। मनुष्य अगर असमय में किसी प्राणी का घात करता है तो वह भी असमय में मृत्यु का पात्र होता है। मनुष्य को स्वयं कृत कर्म का फल अवश्यमेव भोगना पड़ता है कर्म किसी का सगा सम्बन्धी नही है। गेंद को जितने फोर्स के साथ दीवार पर मारा जाए वह उतनी ही तेजी से वापस लौट आती है। उसी प्रकार कर्म करते वक्त मनुष्य के मन में जितनी क्रूरता, संकलेशिता होती है उतनी ही तीव्रता से कर्म का आश्रव होता है और उतनी ही शक्ति का कर्म अपना फल देता है।
आचार्य सौरभ सागर ने कहा की मनुष्य अपनी अर्थव्यवस्था, समाज संरचना, नीति, धर्म, संस्कृति आदि का ध्यान रखे बिना, सिर्फ शौक, मनोरंजन, स्वाद व सुविधा के लिए अपने पर्यावरण का नाश करने पर तुला हुआ है। जो सदियों से मनुष्य का साथ दे रहें है, मनुष्य उसी का संहार कर रहा है। स्वयं हरी भरी धरती को रेगिस्तान बना रहा है। स्वयं ही प्रदूषण उत्पन्न कर रहा है। मनुष्य पर्यावरण को संतुलित रखने के बजाय पशु व वृक्षों का नाश कर रहा है। राम राज्य में दूध की नदियां एवं कृष्ण राज्य में घी की नदियां बहा करती थी पर आज के राज्य में चाय भी नसीब नही है, क्योंकि मनुष्य की ही क्रूर प्रवृति मनुष्य का शोषण कर रही है।
मुख्य समन्वयक गजेंद्र बड़जात्या ने बताया की महोत्सव के आखिरी दिन अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी प्रदेश महासचिव पुष्पेंद्र भारद्वाज, जयपुर नगर निगम ग्रेटर प्रतिपक्ष नेता राजीव चैधरी, वीर सेवक मंडल अध्यक्ष महेश काला, महावीर शिक्षा परिषद मंत्री सुनील बक्सी, वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण चंद छाबड़ा सहित मुख्य अतिथि केलाशचन्द, माणकचन्द, रमेश ठोलिया आदि ने भी सम्मिलित होकर आचार्य सौरभ सागर महाराज को श्रीफल भेंट कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
आचार्य सौरभ सागर महाराज की प्रेरणा से गाजियाबाद में चल रहे जीवन आशा हॉस्पिटल जिसमें प्रत्येक विकलांग का निःशुल्क इलाज होता है में जयपुर शहर भी अपनी भागीदारी निभा रहा है और उससे जुड़कर विकलांग लोगों को इलाज उपलब्ध करवा रहा है, पांच दिन चले विधान पूजन में आयोजन के सौधर्म इंद्र नरेश बनेठा वालों और वर्षायोग समिति के मुख्य संयोजक शिखर चंद जैन परिवार ने आचार्य से आशीर्वाद प्राप्त कर जीवन आशा हॉस्पिटल से जुड़ने की भावना जताई और आजीवन विकलांग लोगों को इलाज उपलब्ध करवाने का संकल्प लिया, जीवन आशा हॉस्पिटल सम्पूर्ण देश में एकमात्र ऐसा हॉस्पिटल है जिसमें रहने, खाने, इलाज, ऑपरेशन, दवाई सब कुछ फ्री में उपलब्ध करवाया जाता है, जिसका संचालन आचार्य सौरभ सागर चेरिटेबल ट्रस्ट से जुड़े ट्रस्टियों और समाजसेवियों द्वारा किया जाता है। मंगलवार को एक विकलांग बच्चे को प्रताप नगर सेक्टर 3 की समाजसेवी महिला ने एक साल के लिए गोद भी लिया, उस बच्चे के इलाज पर लगभग एक लाख रूपये खर्च होना है, जैन महिला ने 1 लाख 11 रु की सदस्यता लेकर उस बच्चे को गोद लेकर इलाज करवाने का संकल्प लिया।
वर्षायोग समिति सदस्य आलोक जैन तिजारिया ने जानकारी देते हुए बताया की आचार्य सौरभ सागर महाराज के आशीर्वाद से विधान पूजन में सम्मिलित 251 यात्री गाजियाबाद स्थित जीवन आशा हॉस्पिटल और मंशापूर्ण महावीर दिगंबर जैन मंदिर की एक दिवसीय यात्रा करेगे। यह यात्रा पूरी तरह से निशुल्क रखी गई है जयपुर से यात्रा 29 जुलाई को रात्रि में प्रताप नगर सेक्टर 8 जैन मंदिर से रवाना होगी और 30 जुलाई को मध्य रात्रि में वापस जयपुर पहुंचेगी।


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