महर्षि दयानंद सरस्वती की मनाई 200वी जयंती
गंगापुर सिटी।आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वी जयंती के उपलक्ष्य में पिछले 1 वर्ष से चल रहे ज्ञान ज्योति के तहत 200 वी जयंती को शहर में बड़े ही धूमधाम से मनाया गया जयंती के अवसर पर आर्य समाज गंगापुर सिटी के द्वारा अग्रवाल कन्या महाविद्यालय में कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमे आर्य समाज गंगापुर सिटी के द्वारा महाविद्यालय के पुस्तकालय में वैदिक साहित्य कॉर्नर के लिए एक रैक भेट की गई जिसमे महर्षि दयानंद एवं आर्य समाज के वैदिक साहित्य को रखा जाएगा कार्यक्रम में आर्य वीर दल के राष्ट्रीय संरक्षक पंडित मदन मोहन आर्य ने महाविद्यालय की कन्याओं को अपने उद्बोधन में बताया कि 200 वर्ष पूर्व नारियों की स्थिति समाज में बड़ी दयनीय थी सती प्रथा, बाल विवाह जैसी कुप्रथाओं का प्रचलन मध्यकाल में हो गया था ऐसे में दयानंद सरस्वती ने अपनी पुस्तक सत्यार्थप्रकाश के माध्यम से स्त्रियों को वेद पढ़ने का अधिकार दिलवाया और इनको कुप्रथाओं के चंगुल से स्त्रियों को बचाया महर्षि दयानंद का विचार ही स्वाधीनता संग्राम की नींव थी यह सरदार वल्लभभाई पटेल ने भी कहा था कांग्रेस के इतिहास में भी लिखा गया है कि देश के स्वाधीनता संग्राम में अपनी जान को न्योछावर करने वालों में 85% आर्य समाजी थे आज नारी ने जो विभिन्न क्षेत्र में ऊंचाई या हासिल की है वह महर्षि दयानंद व आर्य समाज के संघर्ष का परिणाम है आर्य समाज के मंत्री का अभिषेक बंसल ने बताया कि महर्षि दयानंद ने महिला सशक्तिकरण एवं महिला शिक्षण के लिए महत्वपूर्ण कार्य किया एवं बालिकाओं को महर्षि दयानंद की 200वी जयंती पर महर्षि के साहित्य को पढ़कर इस उपकार के कृतज्ञता को ज्ञापित करना चाहिए इस दौरान महाविद्यालय के प्राचार्य विजेंद्र जी ने बताया कि महर्षि दयानंद का कार्य एवं विचार समाज की कुरीतियों एवं गलत मान्यताओं का प्रबल खंडन करता है एवं आर्य समाज सनातन वैदिक धर्म के वास्तविक स्वरूप को प्रस्तुत करने वाली एकमात्र संस्था है जो व्यक्तियों को सनातन मानव मूल्य पर गर्व करने का अधिकार दिलाती है कार्यक्रम के अंत में कॉलेज सचिव बाबूलाल जी ने आर्य समाज के द्वारा महर्षि दयानंद की 200 वी जयंती कॉलेज में मनाने के उपलक्ष्य में धन्यवाद ज्ञापित किया।
नगर संचालक आशुतोष आर्य ने बताया कि दयानंद सरस्वती की 200 भी जयंती के उपलक्ष्य में पिछले एक वर्ष से ज्ञान ज्योति पर्व भारत सरकार के द्वारा मनाया जा रहा है जो की अगले एक वर्ष तक निरंतर चलेगा इस अवसर पर महर्षि दयानंद के विचारों पर विशेष पत्रिका का प्रिंट करवाकर जन जन तक पहुंचाया जा रहा है साथ ही सोशल मीडिया के माध्यम से कैंपेन चलाकर महर्षि के विचारो को जन जन तक पहुंचाया जा रहा है प्रांतीय कार्यालय प्रभारी गिरीश आर्य ने बताया की आर्यवीर दल की शाखाओं सोमवार को महर्षि जी की जयंती के उपलक्ष्य में वैदिक ज्ञान प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया व शाखा में आर्य वीरों को महर्षि दयानंद के विचारों व उनकी शिक्षाओं में बारे में बच्चो को समझाया इस दौरान कार्यक्रमों में मदन मोहन आर्य,मदनमोहन बजाज,गिरीश आर्य, अरविंद गोयल,ओमेंद्र सिंह राजपूत, भरत आर्य।