कुशलगढ़| बांसवाडा में जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान श्री आदिनाथ के जन्म कल्याणक के पावन अवसर पर वागड़ के सबसे बड़े तीर्थ क्षेत्र वीरोदय तीर्थ पर आदिनाथ जन्म व तप कल्याणक महोत्सव बड़े धूम धाम से मनाया गया । तीर्थ क्षेत्र कमेटी के अध्यक्ष मोहनलाल पिंडारमिया व उपाध्यक्ष राजेश गांधी ने बताया कि रविवार प्रात: वीरोदय के मुलय नायक भगवान श्री आदिनाथ की प्रतिमा पर प्रथम कलशा रोहण का सौभाग्य नरेश कोठारी पुत्र मणिलाल कोठारी परिवार बाहुबली कॉलोनी परिवार, द्वितीय कलश आदेश्वर पुत्र लक्ष्मीलाल शाह बांसवाड़ा परिवार, तृतीय कलश मोहनलाल पिंडारमिया पुत्र छगनलाल पिंडारमिया परिवार आदिनाथ कॉलोनी परतापुर, चतुर्थ कलश विमल कुमार पुत्र कारुलाल वोरा परिवार के खांदू कॉलोनी सभी ने शांतिधारा कर विश्व मंगल की कामना की । संकेत जैन ने बताया कि भगवान को गंधकुटी में विराजमान करने का सौभाग्य आदेश्वर लक्ष्मीलाल शाह बांसवाड़ा परिवार को मिला जिसके उपरांत भव्य शोभायात्रा वीरोदय तीर्थ परिसर पर निकली । तीर्थंकर बालक आदिनाथ के प्रथम बार पालना झुलाने का सौभाग्य शैलेंद्र, नीलेश, धनपाल पचोरी परिवार ठिकरिया को मिला। पहली बार अहिंसा भोज :- नई शुरुआत नया संदेश—एवीएस अध्यक्ष राजेश गांधी एवं सचिव लोकेश शाह ने बताया कि आचार्य श्री की आज्ञानुवर्ती शिष्या गुरु मां आर्यिका विज्ञानमति माताजी की पावन प्रेरणा से पहली बार वीरोदय तीर्थ क्षेत्र पर आदिनाथ जन्म कल्याणक महोत्सव के अवसर पर इतने बडे आयोजन में आयोजित वात्सल्य भोज को पूर्ण रूप से सोज शुद्धि का ही भोजन बनाया गया । जहां बफेट डिनर को बंद करते हुए सभी को कुर्सी टेबल पर बिठाकर पत्तल- दोने में भोजन करवाने की शुरुआत कर अपनी परंपरा को पुन:जीवंत करने की एक शानदार पहल प्रारंभ की तथा सभी को संदेश दिया कि किसी भी आयोजन बफेट डीनर को छोडकर मुल परंपरागत भोजन करने से निरोगी काया रहती है । उन्हेंने बताया कि भोजन की कच्ची सामग्री अपने द्वारा शुद्ध रूप से खरीद कर प्रयोग लाई एवं कोई कैटरिंग वाले नहीं रख कर स्वयं एवीएस परिवार के महिला पुरुष सदस्यों ने भोजन परोसा । शुद्धि को इतना महत्व दिया कि भोजन बनाने वाले हलवाई भी शुद्ध वस्त्रों में भोजन बनाया , पीने के पानी के लिए भी कुएं के पानी का प्रयोग किया कोई कैंपर का प्रयोग नहीं किया गया ।