भगवान आदिनाथ का प्रथम आहार दिवस मनाया


सवाई माधोपुर 30 अप्रैल। सकल दिगंबर जैन समाज द्वारा प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ की मुनि अवस्था में हुई प्रथम आहार चर्या को दान दिवस (अक्षय तृतीया) के रूप में बुधवार को मनाया गया। इस दौरान नगर परिषद क्षेत्रांतर्गत स्थित जिनालयों में भगवान आदिनाथ का अभिषेक,शांतिधारा व अष्ट द्रव्यों से श्रद्धा-भक्तिपूर्वक पूजन की।
समाज के प्रवक्ता प्रवीण जैन ने बताया कि इस मौके पर अहिंसा सर्किल आलनपुर स्थित दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र चमत्कार मंदिर में जिनेंद्र भक्तों ने अष्ट द्रव्यों से मंडल विधान पूजन कर जिनेंद्र देव का गुणगान करते हुए पंडित आशीष जैन शास्त्री के मंत्रोच्चारण के बीच मंडल पर श्रीफल युक्त 120 अर्घ्य समर्पित अर्पित किए और विश्व शांति की कामना की।
इससे पूर्व समाज के कोषाध्यक्ष अशोक, संगीता पांड्या ने मंडल पर मंगल कलश व दीपक स्थापित किए। वहीं खुशबू पांड्या, प्रीति पांड्या व प्रियांशी पांड्या ने एक से बढ़कर एक भजनो की प्रस्तुति दी। साथ ही पं.आशीष जैन ने जैन धर्म में अक्षय तृतीया पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ मुनि दीक्षा लेने के पश्चात छः माह के उपवास की प्रतिज्ञा लेकर ध्यान मग्न हो गये। साधना उपरांत वे आहार हेतु निकले किन्तु मुनियोचित आहार विधि का ज्ञान न होने के कारण कोई उन्हें आहार नहीं दे सका। मुनियोचित आहार न मिलने पर उन्हें एक वर्ष 13 दिन तक निराहार रहना पड़ा। जब मुनि प्रयाग से विहार करते हुए हस्तिनापुर पहुँचे तो हस्तिनापुर नरेश सोमप्रभ के छोटे भाई राजा श्रेयांश ने उन्हें अपने महल से देखा और उन्हें पूर्व जन्म में दिये आहार दान की विधि का स्मरण हो आया और उन्होंने भगवान को नवधा भक्तिपूर्वक पड़गा कर 16 दोषों से रहित इक्षु रस का शुद्ध आहार दिया। वह पुण्य दिवस वैशाख शुक्ल तृतीया था। आदिनाथ प्रभु को सर्वप्रथम आहार दान के कारण यह पवित्र दिन अक्षय तृतीया के रुप में एक शाश्वत पर्व के नाम से प्रसिद्ध हो गया।
इस अवसर पर सभी के मंगल की कामना के साथ इस भव में आहार देने एवं आगामी भव में दिगंबर साधु के रूप में आहार पाने की भावना भाते हुए चमत्कार परिसर में समाज सेवी मनोज जैन पल्लीवाल के संयोजन में लोगों को विनयपूर्वक इक्षु रस पिला कर आहार दान दिवस को सार्थक किया।


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