सवाई माधोपुर 17 सितम्बर। सकल दिगंबर जैन समाज द्वारा मनाए जा रहे आत्म शुद्धि के दस लक्षण पर्युषण पर्व के तहत 10वें दिन मंगलवार को उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म, अनंत चतुर्दशी एंव 12 वें तीर्थंकर भगवान वासुपूज्य का मोक्ष कल्याणक श्रद्धापूर्वक मनाया गया।
इस दौरान नगर परिषद क्षेत्र के जिनालयों में उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म, दशलक्षण मंडल विधान, सरस्वती(जिनवाणी) एवं अनंत चतुर्दशी की पूजन के साथ ही विशेष रूप से जिनेंद्र देव के कलशाभिषेक व श्रीजी की जयमाल के कार्यक्रम हुए।
समाज के प्रवक्ता प्रवीण जैन ने बताया कि आलनपुर स्थित दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र चमत्कारजी में सुबह मुनि नीरज सागर महाराज के मंत्रोच्चारण के बीच अलंकार कासलीवाल प्रासुक जल से विश्व की सुख- समृद्धि व शांति की कामनार्थ जिनेंद्र प्रभु के चरणों में शांतिधारा प्रवाहित की और महिमा कासलीवाल ने चंवर ढुलाए। साथ ही भारतीबाला कासलीवाल व नीलिमा कासलीवाल ने मुनिसंघ को शास्त्र भेंट किए और अविनाश कासलीवाल ने चरण प्रक्षालन किए।
इसके उपरांत पं.आशीष जैन शास्त्री के निर्देशन में अष्टद्रव्यों से उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म एवं दशलक्षण मंडल विधान की भक्ति पूर्वक पूजन कर मंडल पर श्रीफल युक्त 23अर्घ्य समर्पित किए और मन पर नियंत्रण रख ब्रह्मचर्य पालन करने का संदेश दिया। साथ ही भगवान वासुपूज्य की पूजन के बाद निर्वाण कांड का उच्चारण कर मोक्ष के प्रतीक स्वरूप (मोदक) निर्वाण लड्डू चढ़ाया गया और जन्म- मरण के चक्र से निकल मोक्ष प्राप्त करने की भावना प्रकट की।
इस मौके पर मुनि निर्मद सागर महाराज ने कहा कि आत्मा में लीन रहना ही उत्तम ब्रह्मचर्य है। उन्होंने कहा कि अपनी वासनाओं का नियोजन कर चारित्र को आसमान की तरह बनाने पर जोर दिया। आत्मा की पवित्रता ही ब्रह्मचर्य है। ब्रह्मचर्य का पालन करने से पाप का नाश होता है और पुण्य का संचय होता है।
इसी प्रकार मुनि नीरज सागर महाराज ने वासनाओं को सीमित करने एवं जीवन में शील की रक्षा करने के लिए प्रेरित किया।
इसी क्रम में सोमवार देर शाम चमत्कारजी के विशुद्धमति सभागार में समय आराधना चातुर्मास समिति के संयोजन में भजन प्रतियोगिता हुई। जिसमें सभी आयु वर्ग के लोगों ने उत्साह पूर्व भाग लिया और प्रतियोगिता के माध्यम से जैन धर्म की जानकारी दी गई। विजेताओ को अतिथि मुकेश कासलीवाल व पंकज बज ने पुरस्कृत किया। निर्णायक की भूमिका विनय पापड़ीवाल व राजेश बाकलीवाल ने निभाई। पर्युषण पर्व के समापन पर बुधवार को क्षमावाणी पर्व मनाया जाएगा।