दशलक्षण पर्व के छठवें दिन उत्तम संयम दिवस मनाया

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 जैन मंदिरों में हुए विभिन्न धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम

बयाना 13 सितंबर। जैन समुदाय के दश लक्षण महापर्व के छठवें दिन शुक्रवार को उत्तम संयम दिवस मनाया गया । इस अवसर पर बयाना के विभिन्न जैन मंदिरों में धार्मिक व सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक कार्यक्रमों के भी आयोजन हुए । जिनमें जैन समाज के लोगों एवं महिलाओं ने श्रृद्धा भाव व उत्साह के साथ बढ़-कर कर भाग लिया।
जैन समाज ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रमोद जैन ने बताया कि आज का दिन संयम दिवस के रूप में मनाया गया।इस अवसर पर बयाना के बड़े दिगंबर जैन मंदिर, छोटे मंदिर ,व नसिया जी मंदिर में सुबह के समय महा पूजा, महा अभिषेक के पश्चात धूप दशमी, सुगंध दशमी व शाम को सामूहिक महा आरती एवं प्रवचन आदि कार्यक्रम भी हुए। इस अवसर पर श्रमण संस्कृति संस्थान जयपुर से आए जैन विद्वानों ने प्रवचन करते हुए बताया कि हम सभी के जीवन में संयम का विशेष धार्मिक व आध्यात्मिक महत्व होता है। इसलिए मनुष्य को अपने आचार,विचार, व्यवहार व आहार और वाणी पर विशेष संयम रखना चाहिए। संयम अपनाकर हम सभी शारीरिक, सामाजिक व व्यावहारिक और मानसिक रूप से और सभी प्रकार से सुखी रह सकते हैं। उन्होंने कहा कि संयम का गुण एक ऐसा गुण है जो हम सभी को सभी विषम परिस्थितियों, बीमारियों और बुराइयों व विपदाओं से बचाए रखता है।उन्होंने कहा कि संयम बिना जीवन अधूरा है संयम से ही सम्यक दर्शन पुष्ट होता है और मोक्ष मिलता है। इन सभी कार्यक्रमों में निश्चल जैन,विनय जैन,रोहन जैन,कमल जैन, सुभाष जैन ,भागचंद जैन आदि सहित जैन महिला मंडल की किरण जैन, रजनी जैन,संध्या जैन, प्रणाली जैन, मोनिका जैन, सुनीता जैन ,सुजाता जैन, नीतू जैन, कनक माला जैन ,कविता जैन ,शालिनी जैन आदि भी विशेष रूप से उपस्थित रहीं।


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