बडोदिया में चंदन षष्ठी व्रत भगवान श्री चंद्रप्रभु विधान का आयोजन
बांसवाड़ा| बडोदिया में आर्यिका विज्ञानमति माताजी की परम शिष्या आर्यिका सुयशमति माताजी ने कहा कि चंदन षष्ठी व्रत है जो भी इसे करना करता हो तो 6 वर्ष तक प्रतिवर्ष भाद्रपद कृष्णा को उपवास करे तथा उस दिन तीन काल नवकार मंत्र का जाप्य करे जिससे किए गए पाप कर्म कटते है । यह विचार उन्होंने श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर बडोदिया में भगवान श्री चंद्रपुभु विधान के दौरान धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए । आर्यिका उदितमति माताजी ने कहा कि जिन्हें भी यह चंदन षष्ठी व्रत लेना है वह गुरुओं मुनि, आर्यिका के समक्ष ले और पुण्य अर्जित करे । आर्यिका रजतमति माताजी ने कहा कि चन्दन षष्ठी व्रत आत्म शुद्धि का व्रत है, दोषों के आलोचन, कर्मों के विमोचन,कषायों के परिष्कार, दुःखों के बहिष्कार आत्मा के शोधन का व्रत है। देव-शास्त्र- गुरु के प्रति जाने-अनजाने में हुए अपराध का प्रायश्चित्त है। विशेषकर आहारदान आदि गुरु भक्ति में मन-वचन-काय की अशुद्धि से उत्पन्न दुःख और पापों के प्रक्षालन का व्रत है।विधान में चढाए अर्घ्य-प्रात:श्रीजी का जलाभिषेक प्रथम कलश जैनिल तलाटी पुत्र कल्पेश तलाटी व द्वितीय कलशा रोहण का सोभाग्य भव्य- तलाटी पुत्र राजकुमार तलाटी को प्राप्त हुआ । आर्यिका संघ के सानिध्य में व मीना दीदी के निर्देशन में आयोजित चंदन षष्ठी व्रत भगवान श्री चंद्रप्रभु विधान में मुख्य कलश मिठालाल तलाटी व महिपाल खोडणिया विजेश शाह, आशिष भैया तलाटी, सतीश खोडणिया परिवार ने चार आराधना कलश स्थापित किए । जिसके उपरांत सोधर्म इंद्र कमलेश दोसी व इन्द्राणी साधना दोसी,कुबेर इन्द्रं धनपाल जैन इन्द्रा्णी मैना जैन,इशान कांतिलाल खोडणिया इन्द्राणी सज्जनदेवी खोडणिया, सनत इन्द्र नितेश जैन इन्द्राणी रक्षा जैन व माहेन्द्र इन्द्र मोहित तलाटी इन्द्राणी शीतल तलाटी सभी ने मिलकर श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर बडोदिया में सामुहिक रूप से विधान में अर्घ्य चढाकर विश्व मंगल की कामना की । विधान की द्रव्य सामग्री भेंट करने का सोभाग्य सुरेश चंद्र जैन पुत्र मिठालाल जैन परिवार को मिला ।