प्रतापगढ|पंच अग्नि अखाड़ा के महामंडलेश्वर ध्यान योगी महर्षि उत्तम स्वामी ईश्वरानंद ब्रह्मचारी महाराज ने आज
श्रीमद्भागवत कक्षा के पंचम दिवस की कथा में नारद जयंति के अवसर पर देवर्षि नारद का स्मरण कराते हुए कहा कि ईश्वर को स्वयं नारायण को प्राप्त करने के लिए , उन्होंने जो किया, वो आप भी कर सकते हो। बस सिर्फ “नारायण ” मंत्र का जाप । नारद पूर्व जन्म में दासी पुत्र थे, जो ऋषियों का उच्छिष्ट भोजन ग्रहण करते | बस , -“नारायण” महामंत्र का जाप ही है जो वे देवर्षि बने। मीरा ने भी वही मंत्र, नरसी मेहता, और तुलसीदासजी ने भी। तुलसीदास कहते हैं -” निर्मल मन जन सो मोहि पावा, मोहि कपट, छल छिद्र ना भावा ! बस आप नारायण नाम का जाप निर्मल मन से करें। जिस के पास मोह नहीं है, मोह न हो तो मोहन आएगा ही |आज कथा में महाराज उत्तम स्वामी जी ने श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का सरस वर्णन किया। बांसुरी की मधुर धुन में सभी भक्त आनंद रस से विभोर हो गए। अघासुर, बकासुर, शकटासुर, पूतना वध के प्रसंग और कालिया नाग देह के प्रसंग में कहा कि सभी मनुष्यों के सिर पर काल नाच रहा है , किंतु श्रीकृष्ण ने काल कालिया नाग के सिर पर नृत्य किया।
कथा में महाराज उत्तम स्वामी जी ने गोवर्धन पूजा प्रसंग में कहा–आप आज ग्लोबल वार्मिंग की बाते करते हो, हमारे श्रीकृष्ण ने तो 5250 वर्षों पूर्व ही पर्यावरण संरक्षण का सन्देश गोवर्द्धन पूजा करके दिया | 56 भोग लगाये गए |
दादा गुरूदेव के मोक्ष दिवस पर ब्रह्म भोज और गुरुदेव उत्तम स्वामी जी महाराज द्वारा 108 कन्याओ की पूजा करके मानव समाज को सीख दी गई कि सनातन धर्म में बेटी की भी पूजा करके आशीर्वाद लिया जाता है |बेटी भी दुर्गा रूप में पूजित है | ये जानकारी गुरू भक्त मंडल के मीडिया प्रभारी चन्द्रशेखर मेहता ने दी | आज कथा में मुख्य यजमान कमलेश पाटीदार, भोजन- प्रसादी के यजमान उमेश बम, उमेश कंस्ट्रक्शन एवं परिवार, पौथी पूजा यजमान ओमप्रकाश टाक परिवार, आरती यजमान पारसमल आशीष सेठिया परिवार रहे | राजाराम भाई साहब,क्षेत्रीय मंत्री विश्व हिन्दू परिषद राजस्थान प्रान्त, यशपाल सिंह सिसौदिया, जिला महामंत्री , विश्व हिन्दू परिषद जिला प्रतापगढ़,गजेन्द्र चंडालिया वरिष्ट भाजपा नेता रवि सोनी रवि ओझा,प्रहलाद साहू , रामपालसिंह चुण्डावत सुनील भट्ट शिक्षा अधिकारी, राजस्थान के पूर्व मंत्री श्री चन्द्र कृपलानी और बी जे पी जिलाध्यक्ष महावीर सिंह ने गुरूदेव उत्तम स्वामी जी से भेट कर आशीर्वाद लिया | संचालन प्रकाशव्यास ने किया ।