लोकसभा चुनाव में 5 लाख लोग भाजपा को नहीं देंगे वोट, कांग्रेस को समर्थन देने का किया ऐलान
भरतपुर- लोकसभा चुनाव से पहले राजस्थान के दो जिलों के पांच लाख लोगों ने भाजपा को वोट नहीं देने का फैसला किया है। मामला जाट आरक्षण आंदोलन से जुड़ा है। गुरुवार को महापंचायत में जाट आरक्षण आंदोलन समिति के संयोजक ने कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान किया।
लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा को बड़ा झटका लगा है। पार्टी नेताओं के खोखलों वादों और झूठे आश्वासनों से तंग आकर करीब 5 लाख लोगों ने भाजपा को वोट नहीं करने का फैसला किया है। इन लोगों ने कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा की है। मामला जाट आरक्षण आंदोलन से जुड़ा है।
राजस्थान के दो जिले- भरतपुर और धौलपुर के जाट केंद्र की सरकारी नौकरी में ओबीसी आरक्षण के लिए लंबे समय से आंदोलनरत है। इन लोगों ने भरतपुर के जयचोली गांव में करीब 40 दिन लंबा महापड़ाव भी डाला था।
इस दौरान राज्य सरकार ने भरतपुर धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के सदस्यों संग बातचीत कर इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिश भी की थी। जयपुर के बाद दिल्ली में भी जाट प्रतिनिधियों की सरकार के साथ बैठक हुई। लेकिन आरक्षण का लाभ अभी तक इन्हें नहीं मिला।
जाट महापंचायत में भाजपा को वोट नहीं देने का ऐलान
ऐसे में अब लोकसभा चुनाव से पहले गुरुवार को भरतपुर धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति द्वारा सेवर पंचायत समिति के गांव कूम्हा में महापंचायत का आयोजन कर भाजपा को वोट नहीं देने की घोषणा की गई। इस महापंचायत में कांग्रेस प्रत्याशी संजना जाटव भी मौजूद रहीं। जाट आरक्षण संघर्ष समिति संयोजक नेम सिंह फौजदार द्वारा महापंचायत में पधारे जाट समाज के लोगों ने गंगाजल उठाकर भाजपा के पक्ष में वोट नहीं देने की शपथ दिलाई और कांग्रेस प्रत्याशी संजना जाटव को लोकसभा चुनाव में समर्थन देने की घोषणा की।
आरक्षण संघर्ष समिति के पदाधिकारीयो का कहना है कि जाटों के गांव जाकर भाजपा के विपक्ष में वोट करने के लिए लोगो को जागरूक करेंगे। आरक्षण संघर्ष समिति संयोजक नेम सिंह फौजदार ने बताया कि भरतपुर-धौलपुर जिलों के जाटों को केंद्र के ओबीसी वर्ग में आरक्षण की मांग को लेकर उच्चैन के गांव जयचोली में करीब 40 दिन तक महापड़ाव डाला था। उस दौरान केंद्र और राज्य सरकार से वार्ता का दौर चला।
ईआरसीपी धन्यवाद यात्रा के दौरान सीएम ने जाट समाज को दिया था आश्वसान
ईआरसीपी धन्यवाद यात्रा के दौरान जब राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा भरतपुर दौरे पर आए तब उन्होंने समिति के पदाधिकारियों से आरक्षण को लेकर नोटिफिकेशन लोकसभा चुनावों की आचार संहिता से पहले जारी करवाने का आश्वासन दिया था। लेकिन वो आश्वासन झूठा निकला और अभी तक कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ।
इसी के चलते गुरुवार को सेवर पंचायत समिति के गांव कूम्हा में महापंचायत का आयोजन किया। जिसमें दर्जनों गांवों के जाट समाज के लोगो में भाग लिया। इस पंचायत में कांग्रेस प्रत्याशी संजना जाटव भी मौजूद थी। जाट समाज के लोगों ने गंगाजल उठाकर लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा के पक्ष में वोट नही देने के साथ साथ कांग्रेस प्रत्याशी संजना जाटव को समर्थन दिया है।
भरतपुर में कांग्रेस प्रत्याशी संजना जाटव को वोट देने की घोषणा की
जाट आरक्षण संघर्ष समिति के पदाधिकारीयो का कहना है जाट समाज संजना जाटव के साथ है और इस चुनाव में जाट समाज इसकी मदद इस तरह करेगा जैसे जाट समाज खुद चुनाव लड़ रहा है। जाट आरक्षण संघर्ष समिति के द्वारा जाट समाज के प्रत्येक गांव जा जाकर लोगों को भाजपा के विपक्ष में वोट करने के लिए जागरूक करने का काम करेंगे। कांग्रेस प्रत्याशी संजना जाटव ने भरतपुर-धौलपुर जाट समाज के लोगों को सड़क से संसद तक साथ रहने का आश्वासन दिया है। कहां अगर मैं यहां से विजय होती हूं तो सबसे पहले जाट आरक्षण की बात संसद में रखूंगी।
भरतपुर और धौलपुर लोकसभा पर भाजपा को हो सकता है नुकसान
बताते चले कि लोकसभा चुनाव में जाट समाज का वोट अहम है, क्योंकि जाट समाज के करीब 5 लाख के आसपास वोट हैं, जो लोकसभा चुनाव प्रत्याशी को हारने और जीताने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। कांग्रेस सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे विश्वेंद्र सिंह राज परिवार से आते हैं। जाट समाज की नाराजगी के कारण भाजपा को राजस्थान की दो लोकसभा सीटों भरतपुर, धौलपुर में नुकसान हो सकता है। इन दोनों जिलों के जाटों को शाही परिवार से होने के कारण अभी तक आरक्षण का लाभ नहीं मिला है।