नगर पंचायत शंकरगढ़ में जल निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने से दंस झेल रहे नगरवासी

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नगर पंचायत शंकरगढ़ में जल निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने से दंस झेल रहे नगरवासी

चेयरमैन और ईयो जानकर बने अनजान

प्रयागराज। ब्यूरो राजदेव द्विवेदी। वैसे तो शंकरगढ़ नगर पंचायत आदर्श नगर पंचायत कहलाता है। मगर जमीनी हकीकत देखा जाए तो नगर का नजारा अलग है। नगर पंचायत शंकरगढ़ में तमाम खामियां मुंह बाए खड़ी हैं ।सबसे बड़ी समस्या तो जल निकासी की देखी जा रही है।हर जगह नालियां भरी और चोक है। तमाम वार्डो में जल निकासी की समुचित व्यवस्था न होने से नगर की हालत बद से बदतर हो चली है। नगर के वार्ड नंबर 7 नवोदित शिक्षा केंद्र इंटर कॉलेज के अंदर जाने वाली रोड की हालत इतनी दयनीय है कि आने जाने वाले छात्र छात्राओं को हर रोज कीचड़ युक्त रास्ते का दंश झेलना पड़ा है। भाजपा जिला उपाध्यक्ष एवं कॉलेज के प्रबंधक संतोष त्रिपाठी ने कहा कि नगर पंचायत के अधिशासी अभियंता एवं अध्यक्ष को इन सब गंभीर मामले को संज्ञान में लेकर समस्या का त्वरित निवारण करवाने पर ध्यान देना चाहिए।ऐसे ही देखने में आता है बिना मतलब के रामभवन भवन चौराहे से लेकर सेन नगर चौराहा तक बनाई गई नाली महज डमी साबित हो रही है। उससे पानी निकासी की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। नगरवासी परेशान हो रहे है ।वार्ड नंबर दस के रहनेवाली एक महिला सुनीता सेन बताती हैं हमारी दो पीढ़ी यहां बीत गई मगर नाली का प्रबंध नगर पंचायत के तरफ से नहीं किया गया। बात करे बर्बादी की तो नगर के पैसे को दुरुपयोग करने के लिए जगह-जगह नालियां तो बनाई जा गई है।मगर उनका नगर से निकलने वाले पानी के निस्तारण से कोई दूर दूर का वास्ता नहीं है। सिर्फ और सिर्फ नगर एवं नगरवासियों के पैसे को बर्बाद किया गया है।एक और सबसे बड़ी बात की नगर पंचायत में पर्यावरण के लिए भी कोई जगह नहीं दी गई है। लगभग 25 हजार की आबादी वाले इस नगर पंचायत शंकरगढ़ में कंक्रीट के जंगल तो देखने को मिल रहे हैं। मगर हरियाली नाम मात्र की बची है, जो भविष्य के बेहतर स्वच्छ ऑक्सीजन लिए खतरे की घंटी बजा रही है। इससे शंकरगढ़ नगर में भविष्य की पीढ़ी कितना साफ और स्वच्छ ऑक्सीजन मिलेगा अनुमान लगाया जा सकता है।नगर पंचायत के अधिकारी कर्मचारी अपने 8 घंटे की ड्यूटी पूरा करने को ही अपना फर्ज समझ रहे हैं। जबकि नगर पंचायत अधिकारी एवं कर्मचारियों की नैतिक जिम्मेदारी जल निकासी और पर्यावरण सुरक्षा के लिए होनी चाहिए।


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