सह आचार्य रामकेश आदिवासी ने मलेशिया सिंगापुर में आयोजित 12वे अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी अधिवेशन 2025 में किया पत्रवाचन और काव्य पाठ


 गंगापुर सिटी। पंकज शर्मा। स्थानीय राजकीय महाविद्यालय गंगापुर सिटी में संस्कृत विभागाध्यक्ष एवं राष्ट्रीय आदिवासी एकता मंच के राष्ट्रीय सचिव रामकेश मीना आदिवासी ने आईसीसीआर भारतीय दूतावास मलेशिया एवं भाषा सहोदरी न्यास दिल्ली (भारत) के सयुक्त तत्वावधान में दिनांक 2 जून 2025 से 10 June 2025 को नेताजी सुभाष चंद्र बोस इंडियन कल्चरल सभागार में भारतीय दूतावास के उच्च आयुक्त श्री बी एन रेड्डी के मुख्य आतिथ्य में आठ दिवसीय शैक्षणिक व सांस्कृतिक भ्रमण एवं दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय हिन्दी अधिवेशन 2025 व काव्य पाठ में “वैश्विक पटल पर हिन्दी के बढ़ते क़दम” विषय पर अपना शोधपत्र वाचन किया और मलेशिया में भाषा सहोदरी न्यास नई दिल्ली द्वारा आयोजित काव्य पाठ मौलिक कविता पाठ किया।
इस भव्य आयोजन में सम्पूर्ण भारतवर्ष के सैकड़ों संस्कृत व हिन्दी साहित्यकार और बुद्धिजीवियों व कवियों ने भाग लिया जिनमें राजस्थान से सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. अशोक पांडे उदयपुर, डॉ. सुनीता जैन अजमेर व सह आचार्य रामकेश आदिवासी गंगापुर सिटी सवाईमाधोपुर डॉ. अरुण कुमार शास्त्री नई दिल्ली, आशा जाखड़ इन्दौर, ज्योत्सना कल कल गुड़गांव, डॉ. सिंधू मीरचंदानी छत्तीसगढ़ ।डॉ .कनुप्रिया इन्दौर, अनिता रायपुर, डॉ. मीना कुमारी परिहार, डॉ. नरेश कुमार शर्मा नई दिल्ली, प्रदीप कुमार दत्त हैदराबाद, सलमा जमाल दुबई, आशा चौधरी पटना, मोहन राव देशमुख महाराष्ट्र, कुसुम जैन छत्तीसगढ़ आदि सैकड़ों साहित्यकारों हिन्दी भाषा के महत्व पर विस्तृत प्रकाश डाला और काव्य पाठ किया ।
स्थानीय महाविद्यालय के सह आचार्य श्री मीना ने “वैश्विक परिदृश्य मैं हिन्दी के बढ़ते क़दम “विषय पर विशेष व्याख्यान प्रस्तुत किया और स्वरचित काव्य पाठ से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया पत्र वाचन और काव्य पाठ के लिए श्री आदिवासी को प्रमाण पत्र व पुरस्कार देकर सम्मानित किया।
इस आठ दिवसीय अकादमिक व शैक्षणिक भ्रमण कार्यक्रम में आदिवासी द्वारा दिनांक 3जून से 10 जून तक मलेशिया मैं स्थित भारतीय संस्कृति की प्रतीक विभिन्न सुप्रसिद्ध सांस्कृतिक धरोहरो का अवलोकन किया जैसे महामरि अम्मन मंदिर, केक लोकसी भारतीय संस्कृति पर आधारित मन्दिर के दर्शन किये जो आज भी हिंदू और बौद्ध धर्म संस्कृति को जीवंत बनाए हुए हैं। सभी धर्मों के दर्शनार्थि आज भी वहाँ बहुत श्रद्धाभाव के साथ देव दर्शन करते हैं । और सबसे महत्वपूर्ण “नेताजी सुभाष चंद्र बोस कल्चरल सेंटर “आज भी नेताजी की मधुर स्मृतियों संजोए हुए हैं जिसमें हिन्दी भाषा को बहूत ही अच्छे ढंग से समझाया और पढ़ाया जाता है ।चारों ओर से प्राकृतिक सौंदर्य से घिरे ऐतिहासिक स्थल पेट्रोनास ,ट्विन टावर , बट्टू गुफाएं ,तमन नेगारा आज भी भारतीय सांस्कृतिक विरासत को आत्मसात किये हुए है।इससे पूर्व भी रामकेश आदिवासी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय विभिन्न सेमिनारों में पत्रवाचन कर देश व प्रदेश का नाम रोशन कर चुके है ।
यह सवाई माधोपुर करौली परिक्षेत्र पूर्वी राजस्थान का प्रथम अवसर है की सरकारी सेवा में कार्य करते हुए श्री आदिवासी को दूसरी बार अतर्राष्ट्रीय सेमीनार में भागीदारी करने का अवसर मिला है इससे पूर्व भी श्री मीना बाली इंडोनेशिया वियतनाम में भी भारतीय संस्कृति और साहित्य का प्रचार प्रसार व शोध पत्र वाचन कर चुके हैं जिसके लिए श्री आदिवासी को अंतरराष्ट्रीय/ राष्ट्रीय मंचोंपर सम्मानित किया जा चुका है जो शिक्षाविदों एवं युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा का प्रतीक है ।विश्व पटल पर देश व राजस्थान प्रदेश का नाम रोशन करने पर प्रदेश के सैकड़ो शिक्षाविदो ने ,विभिन्न संस्थानों ने तथा सामाजिक व शैक्षणिक संस्थानों व साहित्यकारों व आम नागरिकों ने श्री रामकेश आदिवासी को बधाई और शुभकामनाएं प्रेषित की है ।

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