42 डिग्री तक पहुंचा तापमान स्वास्थ्य विभाग ने गर्मी से बचने के बताऐ उपाय
नदबई-कस्बा सहित ग्रामीण क्षेत्र में भीषण गर्मी का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। सुबह 10:30 बजे के बाद लू के थपेड़े चलने लगते हैं, जिससे लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। खासतौर से बुजुर्गों और बच्चों पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ रहा है। नदबई क्षेत्र में शुक्रवार को दिन का अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जिससे लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया।
गर्मी से बचने के लिए लोग घरों में एसी और कूलर के सामने बैठने को मजबूर हैं, वहीं बच्चों को स्कूल से लौटते समय सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। तपती दोपहर में घर लौटते समय बच्चों के शरीर पर गर्म हवाओं का सीधा असर हो रहा है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की आशंका बढ़ रही है।
अभिभावकों को बरतनी होगी सावधानी
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गौरव कपूर ने भीषण गर्मी को देखते हुए अभिभावकों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि, गर्मी में बच्चों को अत्यधिक प्यास लगती है, ऐसे में जब वे स्कूल जाएं तो उनके पास पानी की एक बोतल अवश्य होनी चाहिए। अभिभावकों को चाहिए कि वे बच्चों को थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पीने की आदत डालें, ताकि वे डीहाइड्रेट की शिकार न हो सकें।
उन्होंने यह भी बताया कि, पानी बहुत अधिक ठंडा न हो, क्योंकि इससे सर्द-गर्म के कारण बच्चों की तबीयत बिगड़ सकती है। इसके अलावा बच्चों को एक छोटा सूती तौलिया या बड़ा रूमाल जरूर दें, ताकि वह इसे गीला करके गर्दन पर रख सकें और शरीर को लू से राहत मिले।
छाता और टोपी बनें सुरक्षा कवच
डॉ. कपूर ने बताया कि, बच्चों के बैग में टोपी या छाता अवश्य रखें, जिससे वे धूप से बच सकें। स्कूल से घर लौटते समय सीधी धूप वाली सड़कों से बचने की सलाह भी दी गई है। यदि संभव हो, तो अभिभावक बच्चों को लेने स्वयं स्कूल पहुंचें या किसी छायादार वाहन का प्रबंध करें।
ग्लूकोज और नींबू पानी की भी सलाह
उन्होंने कहा कि, अगर बच्चा स्कूल में किसी खेल या अन्य शारीरिक गतिविधि में हिस्सा लेता है, तो उसके बैग में एक ग्लूकोज का पैकेट या नींबू पानी की छोटी बोतल रखें। इससे बच्चे को एनर्जी मिलती रहेगी और गर्मी से राहत भी मिलेगी।