कृष्ण जन्म पर बधाइयां और भजन गाये, आरती वंदना की


गंगापुर सिटी| विजय पैलेस में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के चतुर्थ दिवस गुरुवार को आचार्य पूज्य गोविंद भैया जी द्वारा समुद्र मंथन, गज और ग्राह, वामन अवतार, श्री राम जन्म, श्री कृष्ण जन्म की कथाओं का बखान किया गज और ग्राह की कथा गज यानी हाथी द्वारा अपने प्राण संकट में पड़ने पर उसने सबको पुकारा लेकिन कोई मदद करने नहीं आया तब परमात्मा को सच्चे मन से याद किया तो भगवान ने जाकर उसके प्राण बचाए राजा बलि की कथा में भगवान वामन अवतार का भेष धरकर राजा बलि की परीक्षा लेने आए और तीन पग धरती मांगी जिस पर गुरु शुक्राचार्य ने राजा बलि से मना किया लेकिन बली ने कहा की शास्त्र और धर्म के खिलाफ नहीं जा सकता मेरे द्वार पर भगवान मांगने स्वयं आए हैं माता लक्ष्मी का वृतांत बताते हुए कहा कि नारायण भगवान को बाली से मांगने के लिए माता लक्ष्मी ने बहन बनाकर राखी बांधी भाई बहन की अटूट बंधन और प्रेम की महिमा बताई आचार्य द्वारा विट्ठल नाथ भगवान,राजा हरिश्चंद्र, राजा सगर की कथा का विधान सुनाते हुए कहा कि जो सच्ची श्रद्धा से गंगा मैया का स्मरण करेगा गंगा मैया उसका कल्याण अवश्य करती है श्री राम जन्म की कथा में दशरथ, जटायु विश्वामित्र राम विवाह प्रसंग राम का वन गमन आदि के बारे में मधुर संगीत और भजन के साथ वृत्तांत सुनाया कृष्ण जन्म पर माता देवकी के भगवान ने जब जन्म लिया तो जेल के सारे ताले टूट गए पहरेदार सो गए तब पिता वासुदेव बालकृष्ण को लेकर यमुना जी के बीच में होकर गोकुल लेकर गए यमुना जी में सभी नदियों का जल प्रभाह होने से जलस्तर बढ़ गया तब भगवान बालकृष्ण द्वारा पैर से यमुना का जल निम्न स्तर पर किया भगवान बाल कृष्ण को मथुरा से गोकुल ले जाने का संजीव चित्रण पर श्रोताओं ने मग्धमुक्त होकर बधाइयां दी और नाचते झूमते मंगल चारण भजनों से पूरा पंडाल भक्तिमय हो गया श्रद्धालुओं ने जमकर बधाइयां लूटी और भगवान की आरती की श्रीमद् भागवत कथा आयोजन कर्ता मोतीलाल गोयल एवं राधा मोहन गोयल पीलोदा वालों ने बताया कि शुक्रवार को पंचम दिवस पर श्रीमद् भागवत कथा में कृष्ण बाल लीला, श्री गोवर्धन पूजा कथा सहित 56 भोग की झांकी लगाई जाएगी


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