5 साल में भी पूरा नहीं हुआ रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण, घंटो तक लगता है जाम
बयाना, 23 जून। दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग पर बयाना कस्बे के रेलवे फाटक पर निर्माणाधीन ओवर ब्रिज का काम कछुआ चाल से चल रहा है। हाल यह है कि 2 साल में पूरा होने वाला ब्रिज निर्माण कार्य 5 साल में पूरा नहीं हो पाया है। इससे रेलवे फाटक पर दिनभर जाम के हालात बने रहते हैं और वाहन चालकों को बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जबकि ओवरब्रिज निर्माण पूरा होने से धौलपुर सहित मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की ओर जाने वाले वाहन चालकों को सहूलियत होती। बयाना से रुदावल, बसेड़ी, बोकोली मोड़ स्टेट हाईवे 45 पर बयाना कस्बे के लाल दरवाजा रेलवे फाटक संख्या 219 पर ट्रैफिक लोड को देखते हुए राज्य सरकार ने यहां रोड ओवरब्रिज स्वीकृत किया था। रेलवे फाटक पर बन रहे इस ओवरब्रिज निर्माण का शिलान्यास तत्कालीन भाजपा विधायक बच्चू सिंह बंशीवाल ने 12 मई 2018 को किया था। इसके लिए पीडब्ल्यूडी की ओर से हनुमानगढ़ की फर्म ज्योति बिल्डर्स को इसका टेंडर दिया गया था। ब्रिज निर्माण पर कुल 45.82 करोड़ की लागत आनी है। जिसमें से पीडब्ल्यूडी और रेलवे को कार्य के लिए करीब 23-23 करोड़ का काम कराना था। रेलवे ट्रैक वाले अपने हिस्से का काम पूरा कर चुकी है। लेकिन पीडब्ल्यूडी का काम अभी अधूरा है। हालांकि पीडब्ल्यूडी अफसरों का कहना है कि अब मात्र 10% काम ही बचा है और करीब डेढ़ महीने में आरओबी का काम पूरी तरह से कंप्लीट हो जाएगा।
ओवरब्रिज निर्माण को टेंडर की शर्तों के अनुसार अप्रैल 2020 में पूरा होना था। लेकिन निर्माण की गति शुरु से ही धीमी रही। इसके बाद अप्रैल 2020 में कोरोना के कारण कई महीने काम बंद रहा। बाद में काम शुरू हुआ तो बजट का इश्यू आ गया। सार्वजनिक निर्माण विभाग के कनिष्ठ अभियंता रामअवतार गुर्जर ने बताया कि कोरोना लॉकडाउन, तकनीकी इश्यू और ठेकेदार फर्म के व्यक्तिगत कारणों के चलते आरओबी निर्माण कार्य में देरी हुई है। लेकिन अब सब कुछ ठीक हो गया है और केवल 10% काम बाकी रहा है। डेढ़ महीने में काम पूरी तरह से कंप्लीट कर दिया जाएगा। आरओबी निर्माण के बाद वाहन चालकों को राहत मिलेगी।
P. D. Sharma

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