संविधान दिवस पर ओमाश्रय सेवा धाम में चिंतन एवं जन कल्याण यज्ञ सम्पन्न
संविधान हर नागरिक को मनुष्य जीवनलक्ष्य मोक्ष हेतु शांति सद्भाव के साथ परम आनंद प़ाप्ति वातावरण का संकल्प पत्र -“यश”
जयपुर, संविधान दिवस पर ओमाश्रय सेवा धाम में प़वुद्ध जनों ने जन कल्याण यज्ञ में आहुतियां देकर चिंतन किया।
वैदिक चिंतक एवं ओउमाश्रय संचालक यशपाल यश ने कहा कि भारत का संविधान नर नारी समता मानवीय भेद-भाव मिटाकर सबको भौतिक उन्नति एवं मनुष्य जीवन लक्ष्य मोक्ष प्राप्ति हेतु शांति सद्भाव के साथ परम आनंदमय वातावरण प़दान करने का संकल्प दस्तावेज है।यश ने कहा कि संविधान की रचना विशेषज्ञों द्वारा वैश्विक चिंतन के बाद भारत में फैली पक्षपात पूर्ण रूढ़ियों और मिथकों की जगह उदारवादी मानवीय वैदिक मूल्यों से युक्त रखा गया।
यश ने कहा कि इक्कीस वीं सदी भारत की रहेगी किन्तु संविधान की भावनाओं के विपरीत महिलाओं तथा पिछड़ों को गायत्री मंत्रपाठ यज्ञ यज्ञोपवीत से वंचित करने जैसी संकीर्णता का संदेश देने वालों को रोकना होगा।
इस अवसर पर आर्य समाज सांभर के संरक्षक अतुल अग्रवाल सुरेश खत्री राजेन्द्र जिंदल श्रीमति सन्तोष नारायण शर्मा श्रीमति रश्मि खत्री श्रीमति निर्मला, उत्सव , शैफाली, ज्योत्सना, श्रीमति ऊषा, कुशाग्र, विजय जिंदल ए ई एन सुरेश गुप्ता सहित अनेक गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।
Gangapur City, Rajasthan