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संतोष व मुस्कान ही प्रमुख धन है: संत शर्मा


निरंकारी श्रद्धालुओं ने गीत, भजन, व विचार, की दी प्रस्तुति, अनेकों श्रद्धालुओं ने झूम झुम कर आनन्द प्राप्त किया

भीलवाड़ा। आरजिया चौराया स्थित निरंकारी सत्संग भवन भीलवाड़ा में रविवार को विशाल सत्संग का आयोजन हुआ जो की दिल्ली से आए ब्रह्मज्ञानी संत ’परम पूजनीय विवेक शर्मा कि उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। जिसमें उपस्थित निरंकारी श्रद्धालुओं ने गीत, भजन, व विचार, की प्रस्तुति दी जिसमें अनेकों श्रद्धालुओं ने झूम झुम कर आनन्द प्राप्त किया व सत्संग में विराजमान महात्मा ने फरमाया कि जो निरंकार को हर दम अपना बना के जीता है वह जिन्दा मिसाल बनता है’ जो निरंकार को अपने मन में बसा लेता है उसका हर पल आनंद में गुजरता है उसे चारों तरफ अपना नजर आता है सारा संसार निरंकार मय लगता है ओर उन्होंने फरमाते हुए कहाँ की सन्त हमेशा धनवान होता है। संत सत्संग सभा को संबोधित करते हुए संत शर्मा ने कहाँ कि बाबा गुरुवचन सिंह हमेशा कहा करते थे कि सन्त हमेशा धनवान होता हैं संत के पास दो धन होते हैं एक संतोष दूसरा मुस्कान इन धनों से सन्त इस संसार को अपना बना लेता हे वह इस संसार में सबसे ज्यादा धनवान हो जाता है। मीडिया सहायक लादूलाल ने बताया कि स्थानीय जोनल इंचार्ज संत जगपाल सिंह की पुत्री के शादी के उपलक्ष में संत समागम का आयोजन किया गया जिसमें भीलवाड़ा, उदयपुर, अजमेर, बूंदी, नीमच, के श्रद्धालुओं ने भी भाग लिया। सत्संग में जोनल इंचार्ज अजमेर के आशीष वचनों का भी लाभ प्राप्त हुआ उदयपुर से आए मुखी महात्मा संत जीतसिंह 20 दिसंबर से 23 दिसंबर को सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज एवं राजपिता रमित के सानिध्य में, राजस्थान एवं गुजरात द्वारा आयोजित होने एनवाईएस समागम में सभी को आमंत्रित किया। समाज सेवी प्रकाशचंद्र छाबड़ा, कांतिभाई जैन, बालूलाल पोरवाल, रमेश नेहरिया, नारायण सिंह भाटी, का सानिध्य प्राप्त हुआ तथा गजेंद्र सिंह ने संत शर्मा का दुपट्टा पहना कर स्वागत किया।


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