स्कूलों द्वारा आरटीई में एडमिशन ना देने पर विवाद

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स्कूलों द्वारा आरटीई में एडमिशन ना देने पर विवाद
अभिभावकों ने कहा बच्चों को समय पर शिक्षा नही मिली तो राजनीतिक दलों का करेगे बहिष्कार

जयपुर 16 जुलाई। प्रदेश में शिक्षा का अधिकार – आरटीई अधिनियम 2009 को लेकर लगातार विवाद गहराता जा रहा है, सरकार ने तो आरटीई के तहत लॉटरी निकाल निजी स्कूलों में 75 हजार से अधिक विद्यार्थियों को एडमिशन तो दे दिया किंतु निजी स्कूल राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश पर झूठ बोलकर अब विद्यार्थियों को एडमिशन नहीं दे रहे है। विद्यार्थियों के अभिभावक अब बच्चों के भविष्य की चिंता लिए स्कूलों और शिक्षा विभाग में चक्कर कांट रहे है लेकिन कोई सुनवाई करने को तैयार नहीं है। स्कूल, सरकार और प्रशासन के इस व्यवहार से प्रदेश के 50 हजार से अधिक विद्यार्थियों के भविष्य पर संकट खड़ा हो गया है और भविष्य बनने से पहले ही खराब होने की स्थिति पर आ गया है।
संयुक्त अभिभावक संघ के अभिषेक जैन बिट्टू ने बताया कि स्कूलों में पढ़ाई शुरू हो चुकी है किंतु आरटीई के तहत एडमिशन प्राप्त विद्यार्थियों ने अभी तक स्कूलों में कदम तक नही रखा, एक तरफ निजी स्कूलों में सत्र शुरू होने के साथ ही प्रथम टेस्ट प्रारंभ हो गए है लेकिन आरटीई प्रक्रिया से एडमिशन प्राप्त विद्यार्थियों ने नए सत्र की किताबों का पहला पन्ना तक नही पलटा है। रविवार को मानसरोवर के रिको चैराहा स्थित द्वारकादास पार्क, बी 2 बाईपास पर आरटीई प्रक्रिया से पीड़ित अभिभावकों ने संयुक्त अभिभावक संघ के निर्देशन में आयोजित बैठक में भाग लिया।
बैठक में संघ प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल, प्रदेश विधि मामलात मंत्री एडवोकेट अमित छगानी, प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू, जयपुर जिला अध्यक्ष युवराज हसीजा ने भाग लिया और अभिभावकों की प्रूफ के साथ शिकायतें एकत्रित की, अभिभावकों को संबोधित करते हुए संघ प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने कहा की राज्य सरकार प्रदेश के निर्धन और जरूरतमंद अभिभावकों को झूठे सपने दिखाकर शिक्षा के अधिकारों से वंचित रखकर निजी स्कूलों की मनमानी पर खुला संरक्षण दे रही है। अगर सरकार ने निजी स्कूलों पर सख्त से सख्त कार्यवाही नही की तो अभिभावकों को सरकार सहित सभी सभी राजनीतिक दलों का बहिष्कार प्रारंभ करेगी।
जयपुर जिला अध्यक्ष युवराज हसीजा ने कहा की उनके स्वयं के दो बच्चों का एडमिशन जवाहर नगर सेक्टर 4 स्थित सिडलिंग स्कूल में नंबर 2 और 9 पर हुआ है, किंतु स्कूल प्रशासन आरटीई प्रक्रिया के तहत एडमिशन देने की बजाय फीस जमा करवाने का दवाब बना रहा है। जबकि बच्चों का एडमिशन आरटीई की पूरी प्रक्रिया फॉलो करने के बाद हुआ, जब स्कूल ने एडमिशन देने से मना कर दिया तो शिक्षा विभाग गया, वहां मौजूद अधिकारी ने कहा की आपके बच्चों का एडमिशन आरटीई के तहत हो गया है, आप स्कूल जाए और उनका एडमिशन करवा उनकी पढ़ाई शुरू करवाए, अगर स्कूल मना करता है तो उनसे लिखित डॉक्यूमेंट लेकर आए, तभी हम कार्यवाही करेंगे।
प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा की ष् स्कूल, सरकार और प्रशासन अपनी आपसी मिलीभगत को संरक्षण देकर अभिभावकों को गुमराह करना बंद कर, अगले 15 दिनों में आरटीई की लॉटरी के तहत एडमिशन प्राप्त 75 हजार बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ होगा तो अभिभावक बिलकुल भी बर्दास्त नही होगा, मजबूरन अभिभावकों को सड़को पर उतरकर सरकार के खिलाफ हल्लाबोल प्रदर्शन करना होगा और सरकार के झूठे दावों की पोल प्रदेश की जनता को दिखायेगा। प्रदेश में विभिन्न राजनीतिक दल है जो अभिभावकों की समस्याओं पर अपनी चोंच तक नही खोल रहे है वह यह ध्यान रख लेवे की प्रदेश में 2 करोड़ से अधिक अभिभावक है जो अब एकजुट होना प्रारंभ कर चुके है, अगर अभिभावकों को न्याय नही मिला तो अभिभावक आगामी चुनावों में सभी राजनीतिक दलों का खुला बहिष्कार करेगा और अपनी एकजुटता की ताकत का एहसास करवाएगा।


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