सहकारी पैक्स कर्मियों को परिवार पालन के लिए भी वेतन नहीं
बामनवास 27 जुलाई। सहकारी साख समितियां एम्पलाइज यूनियन राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष व सहकार नेता सूरजभान सिंह आमेरा ने कहा कि सहकारी पैक्स कर्मियों को पर परिवार पालन के लिए भी नियमित वेतन नहीं मिल रहा। सहकारी पैक्स कार्मिक मासिक वेतन को महरूम हैं।
आमेरा ने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कहते हैं किसी कर्मचारी को पेंशन नहीं मिलेगी वह रास्ता भटकने पर मजबूर होंगे। वहीं दूसरी ओर सहकारी पैक्स कार्मिकों को वेतन नहीं मिलने पर वे क्या करेंगे। सहकार नेता ने बुधवार को मलारना डूंगर स्थित डेरोली बालाजी मंदिर परिसर में आयोजित सवाई माधोपुर व करौली जिले के पैक्स कर्मियों की संयुक्त बैठक में उपस्थित व्यवस्थापक एवं सहायक व्यवस्थापकों को मुख्य अतिथि बतौर संबोधित करते हुए सरकार व सहकारिता विभाग को कोसते हुए कहा कि अधिकतर समितियां घाटे में होने व आय का स्रोत नहीं होने से कार्मिक को वेतन नहीं मिल पाता। नाम मात्र के वेतन पर काम करने वाला पैक्स कार्मिक सरकार की राजीविका ग्रामीण योजना में ऋण वितरण, फसली ऋण, पीडीएस, सीएससी, ई मित्र, ऋण वसूली, मिनी बैंक, खाद बीज वितरण सहित विभिन्न सरकारी योजनाओं को संचालित करता है। इन सब के बदले में परिवार का पेट पालने के लिए दाम तो चाहिए जो सरकार ने आज तक इस पर विचार नहीं किया। इसके अलावा एम्पलाइज यूनियन की ओर से पैक्स कर्मियों की स्क्रीनिंग करने, कैडर व्यवस्था लागू करने, संविदा कार्मिको को नियमित करने, ऋण पर्यवेक्षक का पद पैक्स कर्मियों के लिए आरक्षित करने सहित विभिन्न मांग सरकार व सहकारिता विभाग से की गई इसके लिए अगस्त माह में राज्य स्तरीय आन्दोलन किया जाएगा।
बैठक के बाद सरकार व सहकारिता विभाग को सद्बुद्धि वास्ते सामूहिक रूप से हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। जिले के समस्त कार्मिकों ने प्रदेशाध्यक्ष आमेरा को एक जुटता का भरोसा दिलाते हुए संघर्ष में साथ रहने का भरोसा दिलाया। इस दौरान जिलाध्यक्ष हरिकिशन स्वामी, करौली जिलाध्यक्ष भगवान सहाय, सचिव श्याम सिंह, शेर सिंह राजपूत, पूर्व जिलाध्यक्ष तुलसीराम गौड़, ओमप्रकाश सैनी, उपाध्यक्ष अलमुद्दीन सहित काफी संख्या में व्यवस्थापक मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन दशरथ सिंह सोलंकी ने किया।