नगर पंचायत शंकरगढ़ में भ्रष्टाचार और अव्यवस्था चरम पर


नगर पंचायत की लचर व्यवस्था से जनता बेहाल जिम्मेदार हो रहे मालामाल

चुनावी वादे कोरे कागज की तरह हो रहे खोखले साबित

सड़क, पानी,सफाई व्यवस्था मूलभूत सुविधाएं रह गई कागजों में सिमट कर

प्रयागराज। जहां एक तरफ केंद्र व प्रदेश की सरकार स्वच्छता अभियान पर जोर दे रही है दूसरी तरफ सफाई कर्मचारियों के प्रत्येक महीने वेतन दिए जाने के बाद नगर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चौपट है। नगर वासी गंदगी से जूझ रहे हैं गलियों में गंदा पानी फैल रहा है कीचड़ गलियों में भरा है।लोगों को आने-जाने में दिक्कतों से जूझना पड़ता है लेकिन उसके बाद भी सफाई व्यवस्था कराने का समय नगर पंचायत के जिम्मेदारों के पास शायद नहीं है जिससे गंदगी के बीच लोगों को गुजर बसर करना मजबूरी बन गई है।सरकार और उनके सांसद ,विधायक, मंत्री स्वच्छता अभियान पर बड़े-बड़े भाषण दे रहे हैं। नेताओं अफसरो को जानना होगा कि भाषण देने से सफाई नहीं होगी सफाई करने के लिए सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी लगानी होगी। जिन कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई वह सफाई कर रहे हैं या घर में मौज मस्ती कर रहे हैं।अधिकारियों को यह देखना होगा लेकिन सफाई कर्मचारियों की मनमानी के आगे अफसरो में रोक लगाने की हिम्मत नही है। सूत्रों की मानें तो अफसर के नीचे बैठने वाले सफाई कर्मचारियों से हिस्सा वसूली में मस्त हैं जिससे काम न करने वाले सफाई कर्मचारियों पर कार्रवाई करने का साहस जिम्मेदार अधिकारी नहीं कर पा रहे हैं।हकीकत जानने के लिए जब शंकरगढ़ नगर पंचायत में साफ सफाई की स्थिति देखी गई तो मालूम चला कि नगर में तैनात सफाई कर्मचारी केवल उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर करने आते हैं। नगर गंदगी से बजबजा रहा है और अफसर नेता सांसद विधायक मंत्री सफाई अभियान पर बड़ा-बड़ा भाषण दे रहे हैं। साफ सफाई व मच्छर रोधी दवा का छिड़काव न होने की वजह से नगर के लोग संक्रामक बीमारी की चपेट में हैं। वार्डों में जगह-जगह कूड़े का अंबार लगा हुआ है लचर व्यवस्था से जनता परेशान है। नगर वासी नगर पंचायत अध्यक्षा से सवाल कर रहे हैं की चुनावी वादे फेल हो रहे हैं। चुनाव के दौरान जनता को अपने पक्ष में वोट देने के लिए अनेक लुभावने वादे किए गए थे। चुनाव में हर प्रकार के हथकंडे अपनाए गए, विकास के सपने दिखाए गए, ऐसी लच्छेदार बातें चुनाव के दौरान की गई थी की बस चुनाव जीतने की देरी है चुनाव जीतते ही सारी समस्याओं का निदान हो जाएगा। लेकिन दूर-दूर तक सारे वादे कोरे कागज और खोखले साबित होते नजर आ रहे हैं। हर गरीब को आवास देने के वादे, पेयजल समस्या से निजात, नगर की सफाई व्यवस्था स्वच्छता सड़क आदि के वादे सिर्फ कागजों पर ही सिमट कर रह गए। सवाल है कि आखिर कब तक सहन करेगी आदर्श नगर पंचायत की जनता आखिर कब होंगे नगर अध्यक्षा के पूरे वादे? ऐसे में नगर पंचायत अध्यक्षा की कार्यशैली पर नगरवासी सवाल खड़े कर रहे हैं। नगर की जनता पूछ रही है कि बदहाल हुई नगर पंचायत की स्थिति पर क्यों चुप हैं नगर पंचायत अध्यक्षा अगर समस्याओं का हल नहीं हो रहा है तो अध्यक्ष पद पर बने रहना कहां तक लाजमी है।

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