प्रयागराज|सड़क यातायात प्रबंधन योजना की तर्ज पर महाकुम्भ में जल पुलिस ने 12 किमी क्षेत्र में नदी यातायात व सुरक्षा प्रबंधन योजना बनाई है सड़क पर डिवाइडर व ट्रैफिक चौराहों की तरह ही फ्लोटिंग रिवर लाइन और नदी ट्रैफिक चौराहा बनाया जा रहा है डीप वाटर बैरिकेडिंग बॉक्स से रिवर लाइन बन रही है इसमें आठ से दस मीटर पर प्लेटफॉर्म भी बन रहे हैं जिन्हें जल चौराहों की तरह जल पुलिस इस्तेमाल करेगी महाकुम्भ के सभी 50 घाटों के लिए योजना लागू होगी जल यातायात प्रबंधन योजना के तहत 4000 से अधिक नावों का संचालन होगा जल यातायात व्यवस्था के अंतर्गत यमुना में चार किमी लंबी रिवर लाइन का निर्माण होना है जिसमें 500 मीटर की रिवर लाइन अभी तक बन चुकी है सेना की तरफ से सुरक्षा योजना के तहत सरस्वती घाट व किला घाट के बीच एक जेटी स्थापित करने का भी प्रस्ताव है इसके अलावा डायल 112 सेवा भी निगरानी के लिए अपना फ्लोटिंग स्टेशन स्थापित करेगी 12 किमी के सुरक्षित जल क्षेत्र में मेला प्रशासन सिंचाई विभाग व भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण द्वारा जेटी व सुरक्षा व्यवस्था भी की जाएगीनौसेना के गोताखोर लगेंगे तीर्थयात्रियों व पर्यटकों की सुरक्षा के लिए भारतीय नौसेना के 25 प्रशिक्षित समुद्री गोताखोर चौबीस घंटे निगरानी रखेंगे इसके अलावा पीएसी एसडी आरएफ व एनडीआरएफ भी सहयोग करेगी उप पुलिस अधीक्षक जल पुलिस रजनीश यादव के अनुसार अप्रिय घटना से निपटने के लिए 50 स्नान घाटों वाले 12 किमी क्षेत्र को जल वैरिकेडिंग प्रणाली से सुरक्षित किया गया है जाल के साथ फ्लोटिंग ब्लॉक शामिल हैं 17 सब स्टेशनों के अलावा एक फ्लोटिंग ट्रैफिक कंट्रोल स्टेशन भी स्थापित होगा ऑक्सीजन रीफलिंग को विशेष ऑक्सीजन कंप्रेसर मशीनें भी लगाई गई हैं
योजना से नाविकों को भी जोड़ा जा रहा महाकुम्भ में वैसे तो 6000 से अधिक चप्पू वाली नायों के संचालन को लाइसेंस जारी होना है अभी 4000 नावों के संचालन की ही जल पुलिस से अनुमति मिली है जल यातायात प्रबंधन की योजना से नाविकों को भी जोड़ा जा रहा है प्रयागराज नाविक संघ के अध्यक्ष पप्पू लाल निषाद ने कहा कि 6000 से अधिक नावों के मालिकों को अवगत करा दिया गया है
Prayagraj, Uttar Pradesh