घाटों पर उमड़ा आस्था का जन सैलाब उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही छठ पूजा का हुआ समापन


घाटों पर उमड़ा आस्था का जन सैलाब उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही छठ पूजा का हुआ समापन

प्रयागराज।ब्यूरो राजदेव द्विवेदी। आस्था और संस्कार के पर्व छठ का उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ समापन हो गया। सोमवार सुबह नदी तालाब और लहरों के पानी में उतरकर महिलाओं ने भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर संतान व परिवार के कल्याण के लिए मुरादे मांगी और व्रत का पारण किया। अर्घ्य देने के बाद छठी मैया के लिए बनाए गए खास पकवान ठेकुआ और प्रसाद लोगों में वितरित किए गए। चार दिनों तक चलने वाला यह व्रत 17 नवंबर को नहाए खाए के साथ शुरू हुआ था और 20 नवंबर को समापन हुआ। इस दौरान लोग भक्ति भाव में डूबे नजर आए और नदियों के किनारे आस्था का सैलाब देखने को मिला।

सूर्योदय के पहले ही यमुनानगर अरैल के गंगा घाट पर भक्तों का जन सैलाब उमड़ पड़ा लाखों की संख्या में लोगों ने मां गंगा में डुबकी लगाई साथ ही भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर आराधना की। सूर्य निकलने से पहले ही व्रत करने वाली महिलाओं और उनके परिवार के लोग गंगा घाटों पर मौजूद हो गए। जैसे ही भगवान भास्कर ने अपने भक्तों को दर्शन दिया लोगों ने हर हर महादेव के नारे के साथ ही घाटों पर अर्घ्य देना शुरू कर दिया। यह पूजा पुत्र और पति की दीर्घायु एवं परिवार के सुख समृद्धि की कामना के लिए की जाती है। साथ ही व्रत करने वाले लोग मानते हैं कि जो भी श्रद्धालु सच्ची निष्ठा और आस्था के साथ यह व्रत कर साक्षात सूर्य की आराधना करता है उसकी सभी मुरादे पूरी होती हैं। घाटों पर बज रहे छठ गीतों पर जहां युवा थिरकते नजर आए वही बच्चों ने आतिशबाजी की। घाटों पर छठ पूजा की अद्भुत छटा दिखी लोक आस्था के इस महापर्व पर आस्था का जन सैलाब उमड़ा नजर आया स्वजनों ने गंगा में डुबकी लगाकर भगवान सूर्य से समाज व देश के हित की कामना की।


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