शंकरगढ़ के यूपी-एमपी सीमावर्ती क्षेत्र में धड़ल्ले से चल रहे क्रेशर प्लांट


बरहा में संचालित क्रेशर प्लांट से बगैर नंबर प्लेट की गाड़ियां भर रहीं फर्राटे; ओवरलोड गिट्टी लादकर किया जा रहा अवैध परिवहन, लगातार खबरें प्रकाशित होने के बावजूद भी संबंधित विभाग की नहीं टूटी कुंभकर्णी निद्रा

प्रयागराज।राजदेव द्विवेदी। जनपद के यमुनानगर शंकरगढ़ क्षेत्र से सटे हुए मध्य प्रदेश क्षेत्र में नियमों को अनदेखी कर बिना रोकटोक धड़ल्ले से क्रेशर प्लांट संचालित हो रहे हैं। यूपी – एमपी के बॉर्डर बरहा में संचालित क्रेशर प्लांट में आने जाने वाले भारी वाहनों पर नंबर प्लेट भी नहीं दिखाई पड़ रहा है। क्रेशर प्लांट से गिट्टी लाद कर के चित्रकूट प्रयागराज रोड पर बगैर नंबर प्लेट के भारी वाहनों का खुलेआम धड़ल्ले से ओवरलोड परिवहन हो रहा है।ऐसा भी नहीं है कि संबंधित विभाग को जानकारी नहीं है बावजूद उसके जिम्मेदार जान करके अनजान बन रहे हैं। देखा जाए तो मानक के विपरीत चल रहे खुलेआम क्रशर प्लांट एनजीटी के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। जो एनजीटी के नियमों का खुला उल्लंघन है। सूत्रों की मानें तो शंकरगढ़ क्षेत्र से सटे मध्य प्रदेश के एक बड़े खनन माफिया के क्रेशर से बिना रवन्ना के ओवरलोड गाड़ियां राष्ट्रीय राजमार्ग 35 बांदा चित्रकूट प्रयागराज मार्ग पर जनपद प्रयागराज और चित्रकूट के बॉर्डर पर सटा हुआ टकटई गांव के पास से फर्राटे भरते हुए निकलती है। जानकारों का कहना है कि प्रयागराजऔर रीवा जिले में बैठे खनन अधिकारियों के संरक्षण में नियम कानून से खिलवाड़ करते हुए बेरोकटोक ओवरलोड गाड़ियां क्रेशर प्लांट से बिना रवन्ना ओवरलोड कर दिन रात यमदूत बनकर दौड़ रही हैं। सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि मध्य प्रदेश के रसूखदार क्रेशर प्लांट संचालित करने वाले कारोबारी को प्रयागराज जनपद में बैठे खनन इंस्पेक्टर का बखूबी साथ मिल रहा है जिससे कारोबारी को मजाल है कि कोई आंख दिखा दे। लोगों का कहना है की खनन विभाग के अधिकारियों के संरक्षण में अवैध क्रेशर प्लांट फल फूल रहे हैं। जल्द ही बिना नियम कानून के संचालित हो रहे अवैध क्रेशर प्लांटों के खिलाफ अभियान चलाकर उच्च अधिकारियों को मीडिया टीम द्वारा सच्चाई का आईना दिखाया जाएगा। क्योंकि कुछ संबंधित विभागीय अधिकारी अपने उच्च अधिकारियों को गुमराह करके अवैध क्रेशर प्लांटों के रसूखदारों को बखूबी संरक्षण दे रहे हैं। आए दिन तेज रफ्तार ओवरलोड भारी वाहन रोड के किनारे बैठे बेजुबान गोवंशों को रौंदते हुए निकल जाते हैं जिससे उनकी दर्दनाक मौत हो जाती है। इस तरह की क्षेत्र में अनेकों दर्दनाक घटनाएं हो चुकी हैं कई लोग काल के गाल में समा चुके हैं। दैनिक समाचार पत्रों में लगातार खबरें प्रकाशित होने के बावजूद भी संबंधित विभाग की कुंभकर्णी निद्रा नहीं टूट रही है। जिम्मेदारों के सिर पर जूं तक नहीं रेंगती क्योंकि उनके आंखों में भ्रष्टाचार का चश्मा और कानों में स्वार्थ की रूई ठेसी हुई है।


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