नदबई सालिमपुर को सैंडोली ग्राम पंचायत में यथावत रखने की ग्रामीणों की मांग


बरौलीछार से 3.5 कमी दूर होने से होगी ग्रामीणों को समस्या

सालिमपुर गांव के ग्रामीणों ने इस मांग को लेकर एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

नदबई|उपखंड के ग्राम सालिमपुर के ग्रामीणों ने उपखंड अधिकारी गंगाधर मीणा को ज्ञापन सौंपकर अपनी मांग रखी। ग्रामीणों ने ज्ञापन में लिखा कि नवसृजित ग्राम पंचायत सैंडौली में सालिमपुर गांव को यथावत रखा जाए, ताकि गांव का समुचित विकास हो सके।

ग्रामीणों ने बताया कि, पूर्व में सालिमपुर, ग्राम पंचायत बरौलीछार के अंतर्गत आता था, लेकिन वहां रहते हुए उन्होंने कई समस्याओं का सामना करना पडता था। सबसे बड़ी समस्या भौगोलिक दूरी की है, बरौलीछार और सालिमपुर के बीच करीब 3.5 किलोमीटर की दूरी है, जबकि सालिमपुर और सैंडौली के बीच की दूरी मात्र 800 से 900 मीटर है। इसके चलते प्रशासनिक कार्यों और योजनाओं का लाभ लेने में सालिमपुर के लोगों को काफी परेशानी होती थी।

विकास कार्यों में उपेक्षा का आरोप

ग्रामीणों का कहना है कि, बरौलीछार की आबादी करीब 8,000 है, जबकि सालिमपुर की जनसंख्या अपेक्षाकृत कम है। ऐसे में सरकार से जो भी विकास के लिए बजट आता है, उसका बड़ा हिस्सा बरौलीछार गांव में ही खर्च हो जाता है और सालिमपुर के हिस्से में विकास कार्य न के बराबर रह जाते हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि, वर्षों से उनके गांव के साथ उपेक्षित व्यवहार होता आ रहा है, जिससे सड़कों, बिजली, पानी और अन्य मूलभूत सुविधाओं के विकास में रुकावट बनी हुई है।

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समान आबादी, समान विकास की उम्मीद

ज्ञापन में ग्रामीणों ने यह भी बताया कि, सालिमपुर और सैंडौली की आबादी लगभग समान है। ऐसे में नवसृजित ग्राम पंचायत सैंडौली में सालिमपुर को बनाए रखा जाता है, तो दोनों गांवों को समान रूप से विकास योजनाओं का लाभ मिलेगा। इससे पंचायत स्तर पर निर्णय लेना और उन्हें लागू करना आसान होगा, जिससे दोनों गांवों का समग्र विकास संभव हो पाएगा।


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