शिवाड़ 24 नवम्बर। घुश्मेश्वर महादेव मंदिर कालरा भवन मे आयोजित संगीत मय कथा में चौथे दिन राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित विष्णु शरण शास्त्री ने शिव पार्वती विवाह वर्णन के साथ माता सती की उत्पत्ति, भगवान शिव के मुख से पांच मंत्रों की उत्पत्ति का प्रसंग सुनाया।
उन्होंने बताया कि भगवान का आग्रह ही संसार से मुक्त ईश्वर में समाहित होने का एक साधन है। भगवान के भजन भगवान के मुख से कैसे उत्पन्न हुए उनका विस्तार से वर्णन किया। इन मंत्रों का जाप करने से सभी संकट मिट जाते हैं। सृष्टि के विस्तार का वर्णन स्वयं मनु से मनुष्यों की उत्पत्ति व सती जन्म, सती विवाह, सती का राजा दक्ष के यज्ञ में शरीर छोड़ने की कथा, तड़का सुर की कथा, कामधेनु का जलना, शिव पार्वती विवाह का विस्तार से वर्णन जिसमें शिव पार्वती की सुन्दर झाकी सजाई गई।
इस दौरान ट्रस्ट अध्यक्ष प्रेम प्रकाश शर्मा, नहनू लाल पाराशर, हनुमान पाराशर, सुरेंद्र कुमार शर्मा, सांवरा बोहरा, लोकेंद्र सिंह, राजेश बोहरा कैलाश चंद्र शर्मा, पुरुषोत्तम फौजी, रामनिवास खुमार प्रदीप पाराशर, सहित अन्य सैकड़ों लोग मौजूद थे।