देवस्थान विभाग आयुक्त ने किया विकास कार्यों का निरीक्षण

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विकास कार्य गुणवत्ता के साथ समय पर पूरा करायें – देवस्थान आयुक्त

देवस्थान की जमीनों का सीमाज्ञान एवं स्वामित्व का बोर्ड लगाने के दिये निर्देश

भरतपुर, 03 सितम्बर। देवस्थान विभाग आयुक्त वासुदेव सिंह मालावत ने मंगलवार को जिले में देवस्थान विभाग के प्रगतिरत कार्यों एवं मंदिरों की व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश प्रदान किये। उन्होंने मंदिरों के दर्शन कर पुजारियों से व्यवस्थाओं की जानकारी ली।
देवस्थान आयुक्त ने लोहागढ किले स्थित बिहारी जी मंदिर में चल रहे विकास कार्यों का निरीक्षण कर सामुदायिक शौचालय, मंदिर के बाहर पार्किंग आदि सुविधाओं के साथ साफ-सफाई कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि मंदिर के सामने स्थित भूमि को समतल कर बिखरी हुई अनावश्यक निर्माण सामग्री हटवाकर इन्टरलॉकिंग का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिये जिससे श्रद्धालुओं को परेशानी नहीं हो। उन्होंने सम्पूर्ण मंदिर परिसर में साफ-सफाई के साथ श्रद्धालुओं को मूलभूत सुविधाओं को प्राथमिकता में रखने के निर्देश दिये। उन्होंने किला परिसर स्थित देवस्थान विभाग के अन्य मंदिरों का भी निरीक्षण किया तथा मंदिरों की साफ-सफाई के साथ परिसम्पत्तियों के संरक्षण व सुरक्षा के इंतजाम करने के निर्देश दिये।
उन्होंने केला देवी झील का बाडा मंदिर परिसर में चल रहे विकास कार्यों का भी निरीक्षण किया तथा मेले के दौरान श्रद्धालुओं की भीड को देखते हुये भविष्य की जरूरतों के अनुसार प्लानिंग बनाकर कार्य करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि मेले के दौरान मुख्य द्वार से लेकर मंदिर तक जगह-जगह पैदल यात्रियों को बैठने के शैड तथा शौचालय आदि की सुविधाऐं भी विकसित की जायें। उन्होंने मंदिर के जीर्णोद्वार कार्य में संरक्षण, सुंदरता, सुविधाऐं प्राथमिकता में रखी जायें। उन्होंने कहा कि मंदिर तक पहुॅचने के लिये वरिष्ठ नागरिकों एवं दिव्यांगजनों के लिये रैम्प अथवा लिफ्ट का प्रावधान भी लें। उन्होंने मुख्य मंदिर में सौन्दर्यकरण के साथ फसाड के बदलाव में स्थानीय संस्कृति को दर्शाते हुये स्थानीय पत्थर का उपयोग किया जाये। उन्होंने परिक्रमा पथ एवं मंदिर तक पहुॅचने वाले मार्ग में यात्रियों की सुविधा के लिये टीनशेड, जगह-जगह पेयजल की व्यवस्था करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि मेले के दौरान कुण्ड में नहाने वाले यात्रियों की सुरक्षा के लिये स्थाई रेलिंग भी लगाई जाये। निर्माणाधीन शौचालय का निरीक्षण कर उन्होंने 5 साल तक रख-रखाव का प्रावधान भी तय करने के निर्देश दिये।
देवस्थान कार्यालय का किया निरीक्षण
देस्थान आयुक्त ने किला स्थित देवस्थान कार्यालय का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने कार्यालय में नियमित साफ-सफाई के साथ आमजन की समस्याओं का त्वरित समाधान करने, प्रत्येक मंदिर की अलग से पत्रावली संधारित करने के निर्देश दिये। उन्होंने विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर निर्देश दिये कि जितने भी किरायेदारी के प्रकरण हैं उनका रिकार्ड संधारित कर पिछले एक साल से किराया नहीं जमा कराने वालों के प्रकरण सम्पदा में दर्ज करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि देवस्थान विभाग की जितनी भी जमीनें हैं जिनमें अतिक्रमण की संभावना है तत्काल सीमा ज्ञान कराकर पिलर लगवायें। उन्होंने देवस्थान विभाग की परिसम्पत्तियों में स्वामित्व का बोर्ड लगाने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि देवस्थान के आत्मनिर्भर, सुपुर्द, अराजकीय श्रेणी सभी मंदिरों का निरीक्षण कर जीर्ण-शीर्ण अवस्था में होने पर मरम्मत के प्रस्ताव बनवाकर भिजवायें। उन्होंने शहर के प्रमुख मंदिरों में श्रद्धालुओं के लिये मूलभूत सुविधाऐं छाया, पेयजल, शौचालय बैठक व्यवस्था एवं शूज स्टोर की व्यवस्था के प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिये।
देवस्थान आयुक्त ने सभी मंदिरों में मुख्य द्वार पर मंदिर से संबंधित इतिहास, मंदिर से जुडे आख्यान, प्रचलित लोक मान्यताऐं भी प्रदर्शित करने के निर्देश दिये। उन्होंने जिन मंदिरों में पुजारी नियुक्त नहीं है उनमें 60 वर्ष से अधिक आयु के योग्य व्यक्यिों से आवेदन आमंत्रित कर अस्थाई रूप से पूजा व्यवस्था नियमित करवाने के निर्देश दिये। सहायक आयुक्त देवस्थान केके खण्डेलवाल ने संभाग के प्रमुख मंदिरों की व्यवस्थाओं, निर्माण कार्यों की प्रगति के बारे मंे विस्तार से जानकारी दी।


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